3 अप्रैल तक चलने वाले इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं आपूर्ति, शिक्षा विभाग, पंचायत एवं विकास विभाग, वन विभाग, आयुष, बागवानी विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग की भागीदारी करते हुए जिले की 67 प्रतिशत आबादी को जागरूक किया जाएगा।
उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि 24 मार्च को खंड स्तर पर स्वस्थ बालक मेला आयोजित किया जाएगा, ताकि माताओं के बच्चों के अच्छे पोषण के बारे में प्रोत्साहित किया जा सके। इसी दिन गांव स्तर पर आंगनवाडी वर्कर मोटा अनाज पर आधारित खाना तैयार कर लाभार्थियों में वितरित करेंगी और इसे दैनिक खानपान में शामिल करने को लेकर प्रेरित करेंगी।
हरा-भरा हरियाणा के संकल्प के साथ गांव, आंगनवाड़ी स्तर पर मोटा अनाज उत्पादन को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आंगनवाड़ी, स्कूल, सरकारी भवन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ घरों में में पोषण वाटिकाएं, किचन गार्डन और गमलों में पौधे लगाते हुए सुपोषण हरियाणा के संकल्प को मजबूत किया जाएगा। रविवार को बच्चों को खाने, विशेषकर पोषण के बारे में जागरूक करने के लिए साइकिल रैली आयोजित की जाएंगी।
कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिए 27 मार्च को आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर महिला गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। इसमें मदर ग्रुप और स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। इसमें अधिक से अधिक महिलाओं को मोटे अनाज पर रेसिपी बनाने की प्रतियोगिता में भागीदारी करवाना सुनिश्चित किया जाएगा और विशेषज्ञों के माध्यम से उन्हें मोटा अनाज के लाभ बताए जाएंगे।
वहीं 28 मार्च को जिला स्तर पर महिलाओं, बच्चों में खून की कमी को दूर करने बारे जीवनचर्या में बदलाव, खान-पान, विशेषकर मोटा अनाज को दिनचर्या में शामिल करने के फायदे पर प्रेरित करने के लिए वेबीनार आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि 29 मार्च को जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष पर राज्य स्तरीय वेबीनार में शामिल होंगी, जिसमें उन्हें सक्षम आंगनवाडी व पोषण 2.0 अभियान में आमजन की भागीदारी बढ़ाते हुए पोषण वन स्थापित करने बारे दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
यही नहीं आंगनवाडी केंद्र स्तर पर लाभार्थी बच्चों को पोषण खानपान को अपनाने के लिए खेल विधि से सीखने बारे जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 31 मार्च को माता स्वस्थ, बच्चा स्वस्थ की अवधारणा को आगे बढाते हुए आंगनवाडी केंद्र स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करते हुए माताओं को स्तनपान कराने, निजी स्वच्छता के विषय में जागरूक किया जाएगा। यही नहीं आशा वर्कर, एएनएम भी किशोरियों, गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं को जागरूक करेंगी।
एक अप्रैल को पोषण मेलों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। 2 अप्रैल को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पोषण मटका चाल के माध्यम से प्रतियोगिता में शामिल होंगी और पोषण तत्वों बारे जागरूक करेंगी। 3 अप्रैल को पोषण पखवाड़ा की सभी गतिविधियों पर जानकारी लेते हुए समीक्षा की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी, मीनाक्षी चौधरी, महिला एवं बाल विकास विभाग, फरीदाबाद ने कहा कि विभाग द्वारा पोषण पखवाड़ा अभियान चलाने की पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जिलों में कार्यरत अधिकारी पूरे अभियान की खंड, गांव से लेकर आंगनवाडी केंद्र स्तर पर निगरानी करेंगी।
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