उन्होंने आगे बताया कि जिन किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण होगा वो ही अपनी फसल को मार्किट कमेटी में बेच पाएँगे और इसके साथ कृषि विभाग की विभिन्न स्कीमों जैसे भावान्तर भरपाई योजना, मेरा पानी मेरी विरासत, इम्पलीमेंट आदि का तभी लाभ ले पाएंगे जब किसान का फसल का ब्यौरा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकृत होगा। ई-फसल क्षतिपूर्ति की सूचना देने के लिए भी मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर फसल का पंजीकरण अनिवार्य है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मेरी फसल मेरा ब्यौरा के बारे में किसानों को जागरूक करें व इस कार्य को अभियान के रूप में लेकर 100 प्रतिशत पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
डीसी ने किसानों से भी निवेदन किया कि वे अपने नजदीकी सी०एस०सी० केन्द्र में जाकर अपनी फसल का पंजीकरण https://fasal.haryana.gov.in पर करायें। किसानों की फसल के उचित मूल्य को प्रदान करने के लिए ही सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल शुरू किया है। जिसमें पंजीकरण करने के बाद किसान अपनी फसल को उचित दाम में सरकार को बेच सकते हैं।
उप-कृषि निदेशक पवन कुमार शर्मा ने नोडल अधिकारी उप मंडल कृषि अधिकारी को निर्देश दिये की उनके अधीन कर्मचारियों को आदेश दे कि गाँवों में जाकर सरपंच व जन प्रतिनिधियों से मिलकर मुनादी कराएं तथा किसानों को प्रेरित करें कि सभी किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर दो दिन के भीतर अटल सेवा केंद्र पर पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें और हर गाँव में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों का पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें।
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