उन्होंने बताया कि इन गतिविधियों में मोटे अनाज पर आधारित व्यंजनों की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा, ताकि लोगों में मोटे अनाज के प्रति रूचि लाई जा सके। वर्तमान परिदृश्य के मद्देनजर आहार में पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। मोटे अनाज में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसलिए सभी मोटे अनाज को बच्चों के आहार में अपनाने की आदत बनाएं।
उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मोटे अनाज की जागरूकता के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ परस्पर समन्वय स्थापित करके विभिन्न गतिविधियां आयोजित करें और पोषण पखवाड़ा की विभागीय वेबसाइट पर इन गतिविधियों को अपलोड करना भी सुनिश्चित करें।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सभी विद्यालयों एवं आंगनवाडी केन्द्रों में एनीमिया कैंप आयोजित करने के निर्देश भी जारी किए हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पंचायत स्तर पर जागरूकता गतिविधियां आयोजित कर अधिक से अधिक ग्रामीणों को मोटे अनाज के प्रति जागरूक करने की दिशा में कार्य करेंगी।
उन्होंने पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग को जमीनी स्तर पर स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता आयोजित करवाने के भी निर्देश दिए। डीसी नेहा सिंह ने आयुष विभाग को पारंपरिक मोटे अनाज आधारित व्यंजनों की पुस्तक तैयार करने और जागरूकता शिविर आयोजित करने के लिए निर्देशित किया। इस दौरान जागरूकता रैलियों का भी आयोजन किया जाएगा।
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