उन्होंने कहा कि आज सी(2)$50 प्रतिशत एमएसपी संवैधानिक रूप से लागू करवाना किसानों के लिए जीवन मरण का सवाल है, उसके अभाव में पूरे देश के किसान की लुटाई पिटाई हो रही है, उनके शोषण के कारण वे आत्म हत्या करने व खेती छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। केन्द्र सरकार बिजली क्षेत्र का निजिकरण करके खेती की लागत और ज्यादा बढ़ाने का काम कर रही है।
लखीमपुर खीरी के निहत्थे किसानों की हत्या करने की साजिश रचने वाले को केन्द्र सरकार मन्त्री पद से इस्तीफा नहीं मांग रही है। शोषण के शिकार किसान, मजदूर को कर्ज मुक्त करने की बजाए केन्द्र सरकार बड़े-बड़े कॉरपोरेट को कर्ज मुक्त कर रही है, इन्हीं भेदभाव पूर्ण नीतियों के विरुद्ध किसान केन्द्र सरकार को आगाह करने तथा इन किसान विरोधी नीतियों को बदलवाने वास्ते लामबंद हो रहे हैं और संघर्ष करने की शक्ति संगठित कर रहे हैं। जब तक किसान की ये जायज मांगें नहीं मानी जाएंगी, इनका संघर्ष जारी रहेगा।
आज के कार्यक्रम में किसान सभा के जिला व ब्लाक नेता सुबेदार धनपत ओबरा, मन्दरूप यादव, कर्ण सिंह जैनावास, रणधीर सिढ़ान, कविता आर्य, एडवोकेट अशोक आर्य, रामोतार बलियाली, राजेश कुगड़, रतन जिंदल, सुखदेव पालुवास, नरेन्द्र धनाना, सन्तोष देशवाल, दिलबाग ढुल, प्रताप सिंह सिंहमार, आल इन्डिया किसान खेत मजदूर संगठन से रोहताश सैनी, राजकुमार बासिया सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल थे।
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