फेल होने पर मंथन किया जाना चाहिए कि आखिर गलती कहां हुई है। इन गलतियों को पकड़ कर बैठने की बजाय इनसे सबक लेकर दोबारा आगे बढ़ने के लिए तैयारी शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तैयारी करने के लिए आप कोचिंग ले सकते हैं या इंटरनेट के जरिए भी तैयारी कर सकते हो। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं कोचिंग जॉइन की थी ताकि एग्जाम की तैयारी सही दिशा में चल सके। जब हम खुद तैयारी करते हैं तो उसमें हमारे दिशा विहीन होने के चांस अधिक रहते हैं।
कभी हम कोई सब्जेक्ट पड़ते हैं तो कभी कोई और। ऐसे में तैयारी अधूरी रह जाती है। कोचिंग जॉइन करने से पूरी तैयारी स्ट्रीमलाइन हो जाती है और आप इधर-उधर नहीं भागते। तैयारी के दौरान स्वयं मूल्यांकन करने के लिए टेस्ट देते रहना चाहिए। इससे पता लग जाता है कि आप टॉपर में से हो या बैक बैंचर में से हो।
इस अवसर पर रतन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट कॉलेज के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अरुण डालमिया ने कहा कि उपायुक्त का कार्यक्रम में पहुंचने व छात्रों का उत्साहवर्धन करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि समय-समय पर कॉलेज में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहेगा।
रतन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट कॉलेज की प्रिंसीपल प्रियंका पराशर ने जिला उपायुक्त नेहा सिंह को युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा कि कम उम्र में उन्होंने आईएएस बनकर युवाओं को बेहतर करने की प्रेरणा दी है। छात्रों को उनके नक्शे कदम पर चलकर और उन्हें आदर्श मानकर आगे बढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा जिला उपायुक्त से अपने संशयों पर विस्तार से चर्चा भी की जिनका जिला उपायुक्त ने खुले दिल से जवाब दिया। इस कार्यक्रम में 400 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
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