जिन किसानों का पोर्टल पर पंजीकरण होगा वही किसान अपनी फसल को मार्किट कमेटी में बेच पाएंगे। इसके साथ कृषि विभाग की विभिन्न स्कीमों जैसे- भावान्तर भरपाई योजना, मेरा पानी-मेरी विरासत, इम्पलीमैन्ट आदि की योजना का लाभ भी तभी मिलेगा जब किसान की फसल का ब्यौरा-मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकृत होगा। ई-फसल क्षतिपूर्ति की सूचना देने के लिए भी मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर फसल का पंजीकरण होना अनिवार्य है।
कृषि उपनिदेशक डा. पवन शर्मा ने किसानों से भी निवेदन किया कि वे अपने नजदीकी सी.एस.सी. सेंटर में जाकर अपनी फसल का पंजीकरण https://fasal.haryana.gov.in पर जरूर कराएं।
उन्होंने सभी फिल्ड स्टॉफ को निर्देश दिए कि वे अपने अधीन गांवो में जाकर मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के बारे में मुनादी कराएं और सी.एस.सी. सेंटर पर शिविर भी लगाए जाएं। डा. पवन शर्मा ने किसानों से आग्रह किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में 15 फरवरी 2023 तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर अपनी फसल का पंजीकरण जरूर करवा लें।
इसी कड़ी में गत दिवस कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के स्टॉफ द्वारा 38 गांवो की सी.एस.सी. सेंटर पर मेरी फसल-मेरा ब्यौरा जागरूकता कैम्प लगाए गए और कैंप में किसानों को पंजीकरण करवाने के बारे में प्रोत्साहित किया गया।
Post A Comment:
0 comments: