उन्होंने कहा कि आज के समय में बढ़ती बीमारियों का निदान मोटा अनाज ही है। आने वाले समय में मोटा अनाज ही हमारी अनिवार्यता रहेगी। वहीं इस कार्यक्रम में हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलो से आए किसानो ने चौपाल में आकर अपनी उपस्थिति दर्ज की तथा कृषि संबंधित समस्याओ और उनके निदान के लिए अपने विचार रखे।
डा. नरहरि सिंह बांगड ने विभिन्न जिलो से आए हुए किसनों को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न माध्यमों से मिलेट्स को बढ़ावा देने को लेकर समय-समय पर स्कूलो में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाना बेहद आवश्यक है।
साथ ही साथ मिलेट्स जागरूकता कार्यक्रम को अधिकांशत: शहरी क्षेत्रो में चलाया जाना चाहिए। इससे जहां किसान की आमदनी बढ़ेगी और वहीं शहरी क्षेत्रों में पनप रही बीमारियों से भी निजात मिलेगी।
कृषि उपनिदेशक डा. पवन शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि जिस प्रकार बीमारियां बढती जा रही है, उन्हें रोकने का एक मात्र उपाय मोटा अनाज ही है, जिसमें पौष्टिक फाईबर प्रचुर मात्रा में शरीर को प्राप्त होते हैं और शरीर को बीमारियों से लडने की शक्ति प्रदान करते हैं। धीरे-धीरे गेहूं तथा धान की फसल से निकलकर बाजरा, जौ, रागी व कनकी जैसी फसलो पर आना चाहिए।
कृषि उपनिदेशक डा. पवन कुमार शर्मा ने किसानों को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2022-2023 के अंर्तगत अधिक से अधिक मोटे अनाज के उत्पादन का आह्वïान करते हुए कहा कि ज्वार, बाजरा, रागी जैसी फसलों के उत्पादन से फसल चक में भी विविधता आती है।
इसका मुख्य लाभ यह होता है कि मृदा के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पडता है। साथ ही इस मुहिम से आमजन के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा, जिससे किसानों को आर्थिक स्तर पर लाभ होगा।
खेती विरासत मिशन के कार्यकारी निदेशक उमेन्द्र सिंह ने अपनी टीम का किसानों से परिचय करवाया। किसान मनवीर रेहडू जींद और कम्बोज, सिरसा के किसान ने भी विस्तार से मिलेट्स की खेती को लेकर किसानों के साथ जानकारी सांझा की।
किसान चौपाल में पलवल एवं फरीदाबाद सहित अन्य जिलों से लगभग 500 किसानो ने कार्यक्रम में भाग लिया और मोटे अनाज की आवश्यकता के विषय में ज्ञान प्राप्त किया।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि वे स्वयं भी अपने-अपने क्षेत्र में जाकर किसानों को जागरूक करेंगे तथा किसानो को मोटे अनाज की पैदावार के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मेले मे आए हुए किसानो ने मिलेट्स से बने व्यंजनो सहित भोजन ग्रहण किया और आयोजको का आभार व्यक्त किया।
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