जेल के बन्दियों द्वारा निर्मित लगभग 110 तरह का फर्नीचर व घरेलू सामान प्रदर्शनी में बेचने के लिए रखे गए हैं। इस स्टाल में 30 से लेकर 1 लाख रुपए तक के आइटम मौजूद हैं।
प्रतिदिन हजारों दर्शक बन्दियों के द्वारा निर्मित फर्नीचर का सामान आर्युवेद उत्पाद, खिलौनें, सजावटी सामान, लकड़ी की दीवार घड़ी, लकड़ी का शीशा फ्रेम, बच्चों की पढ़ने की टैबल, शीशम की लकड़ी का सोफा सेट, शीशम की जड़ से बनी टेबल, पेंटिंग झूला, अलग-अलग तरह की कुर्सी, न्याय का हथोड़ा के साथ-साथ जेल के बन्दियों द्वारा निर्मित मिठाईयों की खरीददारी कर रहे हैं। मेले में लगी इस स्टाल में सारी खरीदारी का हिसाब किताब कंप्यूटर के माध्यम से किया जा रहा है
फरीदाबाद जिला कारागार के जेल अधीक्षक जय किशन ने बताया कि सरकार द्वारा हरियाणा की जेलों में बंद बन्दियों के सुधार एवं पुर्नवास हेतु अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसका मुख्य मकसद है कि बंदी अपराध का रास्ता छोड़कर कौशल विकास करके एवं हुनरबंद होकर जेल से बाहर जा सके तथा अपने हुनर के अनुसार अपना खुद का व्यवसाय आरम्भ करके इज्जत के साथ अपना एवं अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें तथा समाज में पुनः एक अच्छे नागरिक के रूप में स्थापित हो सके।
उन्होंने बताया कि फरीदाबाद जेल में पूरे राज्य के लकड़ी के कारीगर बंदियों को विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण देकर उन्हें उच्च कोटि का कारीगर बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज के दौर में बाजार में बने रहने के लिए अपने उत्पाद की गुणवत्ता को उच्च कोटि का बनाना जरूरी है।
जिला कारागार में इस बात पर विशेष फोकस दिया जाता है क्योंकि यहां पर गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं होता।
उन्होनें बताया कि हरियाणा की लगभग 16 जेलों से बन्दियों के द्वारा निर्मित लगभग 110 उत्पाद मेले में प्रदर्शित किये गए हैं। इस बार सुरजकुण्ड मेले में बन्दियों द्वारा निर्मित लकड़ी की दिवार घड़ी, लकड़ी का शीशा फ्रेम, बच्चों की पढ़ने की टैबल, शीशम की लकड़ी का सोफा सेट, शीशम की जड़ से बनी टेबल, झूला, अलग-अलग तरह की कुर्सी, पेंटिंग, कपड़ा, व मिठाई आदि रखी गई है।
हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों को ट्रेनिंग देकर व उन्हें काम सिखाकर हरियाणा जेल विभाग बहुत ही सुधारात्मक कार्य कर रहा है।
उन्होंने बताया कि न्यायालय में प्रयोग होने वाले कानून का हथोड़ा केवल कारागार में ही मिलता है। इसके अलावा भी ज्यूडिशियल की तरफ से विभिन्न प्रकार के कार्य भी खेल के माध्यम से करवाए जाते हैं।
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