फरीदाबाद- बल्लबगढ़ में आज आम आदमी पार्टी की जमकर फजीहत हुई जब प्रदेश के तीन बड़े नेता मौजूद थे और जिले के कार्यकर्ता गिनती के थे। राज्य सभा सांसद सुशील गुप्ता , पूर्व सांसद अशोक तंवर और पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढाडा जाट भवन में कार्यकर्ता सम्मलेन में पहुंचे और मीडिया के लिए एक प्रेस वार्ता का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में मीडिया के लोग ज्यादा पहुंचे जबकि आम आदमी के कार्यकर्ता नाम मात्र के थे। इसके बाद से ही शहर में चर्चाएं शुरू हो गईं कि जिन हजारों लोगों को भड़ाना ने टोपी पहनाया था वो कहाँ गायब हो गए।
कहा जा रहा है कि सुशील गुप्ता के साथ आधा दर्जन से ज्यादा लोग आये थे और अशोक तंवर के साथ भी इतने लोग और अनुराग के साथ भी इतने ही लोग आये थे। इनकी संख्या 15 से बीस थी और पूरे जिले के लगभग 30 नेता और थे, इस बार निगम में 45 वार्ड हैं और ये बैठक निगम चुनावों से जुडी थी और हर वार्ड से शायद कार्यकर्ता नहीं आये जबकि कुछ महीने पहले भड़ाना दावा करते थे कि निगम चुनावों की टिकट के लिए लाइन लगी है और एक -एक वार्ड से 10 -10 लोग टिकट मांग रहे हैं, आज 30 लोग भी उस समय नहीं पहुंचे जब पार्टी के तीन बड़े नेता कार्यक्रम में मौजूद थे।
संगठन का भंग होना गुटबाजी इसका कारण बताया जा रहा है। गुटबाजी की बात करें तो अशोक तंवर के पिछले दौरे पर एक होटल में जूतम पैजार की नौबत आ गई थी जब सुशील गुप्ता के ख़ास कहे जाने वाले एक नेता ने पार्टी के सीनियर नेता को मंच पर बोलते हुए टोका था। आज भी कुछ ऐसा ही देखा गया। पार्टी के कुछ कार्यकर्ता एक -दूसरे को आँखे तरेरते देखे गए। कार्यक्रम शुरू होने से पहले निगम के कर्मचारियों से कुछ नेता उलझ गए जो होर्डिंग्स उतारने पहुंचे थे। उसका वीडियो भी वायरल हुआ है।
नगर निगम चुनाव प्रभारी अशोक तंवर के सामने बड़ी समस्या ये है कि कैसे सबको एक मंच पर लाएं और आज उन्होंने कहा भी कि कोई गलत रास्ते पर चलेगा तो कार्रवाई की जाएगी। देखें ये वीडियो खबर जारी है
फरीदाबाद की बात करें तो आम आदमी पार्टी के पास निगम चुनावों के लिए मेयर पद के कई उम्मीदवार, पार्षद पद के उम्मीदवार, 2014 विधानसभा चुनावों के लिए विधायक पद के कई उम्मीदवार और लोकसभा चुनावों के लिए लोकसभा उम्मीदवार हैं लेकिन जिले में इन सभी में से अधिकतर नेताओं के पास कार्यकर्ता नहीं हैं, लोकसभा उम्मीदवार 100 कार्यकर्ता भी शायद कहीं बुला सकें, विधानसभा की बात करें तो एक दो नेता को छोड़कर किसी के पास 10 कार्यकर्ता भी नहीं हैं, और मेयर के दावेदार भी नाकों चने चबाएंगे तो कहीं 200 लोगों को इकठ्ठा कर पाएंगे और पार्षद के संभावित अधिकतर उम्मीदवार कहीं 50 लोगों को भी जल्द इकठ्ठा नहीं कर सकते।
आज के हालात देख ऐसा लगा कि फरीदाबाद में आम आदमी पार्टी का वजूद नाम मात्र का है। पार्टी के पास नेता हैं लेकिन कार्यकर्त्ता नहीं, टोपी है लेकिन टोपी पहनने वाले नहीं, किसी कार्यक्रम में कोई टोपी पहने दिखता है तो कार्यक्रम के गेट के बाहर आकर टोपी जेब में रख लेता है शायद टोपी के साथ शर्मिंदगी महसूस होती है । आने वाले समय में पार्टी में भगदड़ की भी संभावना है क्यू कि नए वो नेता जो बड़े सीनियर नेता की जाति के हैं या करीबी हैं वो फरीदाबाद के सीनियर नेताओं को गाजर मूली समझने लगे हैं और उन्हें आँखें दिखाने लगे हैं इसलिए कुछ नेता पार्टी छोड़ सकते हैं।
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