उन्होंने बताया कि कार्यशाला में विभिन्न विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आधार पत्र, पीवीसी कार्ड और एम-आधार पर छपे क्यूआर कोड को स्कैन करके आधार में उपलब्ध विवरण को सत्यापित करने की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित किया गया। यूआईडीएआई की वेबसाइट के माध्यम से आधार को कैसे सत्यापित किया जाए, इसकी भी जानकारी दी गई।
यूआईडीएआई के अधिकारियों ने सभी विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आधार को पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने से पहले सत्यापित करने का आग्रह किया क्योंकि इससे नकली/फोटोशॉप किए गए आधार कार्ड की पहचान करने में मदद मिलेगी। यह भी बताया गया कि सरकारी विभागों को निवासियों से एकत्र किए गए आधार नंबरों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित नहीं करना चाहिए। जहां भी संभव हो, केवल मास्क्ड आधार को ही स्वीकार किया जाना चाहिए।
कार्यशाला में यूआईडीएआई के अधिकारियों ने आधार अपडेट प्रक्रिया पर प्रशिक्षण भी दिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निवासियों को अपने आधार को मजबूत करने के लिए अपने नवीनतम पते, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी के साथ अपने आधार को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि निवासियों को अपने संबंधित आधार कार्ड पर अपने पते के प्रमाण (पीओए) और पहचान के प्रमाण (पीओआई) दस्तावेजों को अपडेट करना चाहिए भले ही पिछले 8-10 वर्षों में उनके विवरण में किसी भी प्रकार का बदलाव आया हो या नहीं। निवासी यह कार्य अपने आधार नामांकन केंद्र पर जाकर या इसे ऑनलाइन एमआधार पोर्टल के माध्यम से अपडेट करा सकते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि आमजन से लगातार अपनी पहचान के प्रमाण और पते के प्रमाण के दस्तावेजों को जल्द से जल्द अपडेट करने के लिए विभिन्न माध्यम से अपील की जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर 8-10 साल पुराने आधार कार्ड के लिए किसी अतिरिक्त अपडेशन की आवश्यकता है तो निवासियों को अपने आधार को और मजबूत करने के लिए इसे प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए।
कार्यशाला में एसीपी सत्यपाल यादव, एसीपी मोहिंदर, एडीआईओ विपिन कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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