डिप्टी सीएम ने यह जानकारी आज यहां ‘हरियाणा रूरल रोड़स एंड इन्फ्रॉस्ट्रक्चर डिवलेपमैंट एजेंसी’(प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना) की 7वीं कार्यकारी कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता करने के बाद दी।
श्री दुष्यंत चौटाला, जो ‘हरियाणा रूरल रोड़स एंड इन्फ्रॉस्ट्रक्चर डिवलेपमैंट एजेंसी’ के चेयरमैन भी हैं, ने बताया कि आज प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत गठित बोर्ड की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के प्रदेश में दो चरण पूरे हो चुके हैं, मात्र 8 सडक़ों का कार्य बकाया है। इनको जल्द ही आरंभ करके पूरा कर दिया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि तीसरे चरण के लिए हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार को कुल 259 सडक़ें प्रस्तावित की थी, इनको केंद्र सरकार की ओर से स्वीकृत कर लिया गया है। इन सडक़ों पर कुल 2496 करोड़ रूपए खर्च होंगे, जिसमें से 1918 करोड़ रूपए की लागत से सडक़ों का निर्माण कर दिया गया है।
अब केवल 78 सडक़ें पैंडिंग हैं जिनकी कुल लंबाई 580 किलोमीटर है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत तीसरे चरण के लिए स्वीकृत सभी सडक़ों को चालू वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि आज की बैठक में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी वीडियो कान्फ्रैंसिंग से जुड़े हुए थे, उनको राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि जहां प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत निर्मित की गई सडक़ के ऊपर बड़े प्रोजेक्ट बनते हैं वहां पर एंट्री व एक्जिट के स्थान पर करीब 500-500 मीटर एरिया में सडक़ क्षतिग्रस्त हो जाती है, इसको ठीक करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से फंड जारी करने की मांग की गई है।
इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि आज की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि उक्त योजना के तहत सडक़ों के निर्माण में अधिक गुणवत्ता लाने के लिए ‘नेशनल क्वालिटी मैनेजर’ को नियुक्त किया जाएगा।
Post A Comment:
0 comments: