Faridabad- सुप्रीम कोर्ट सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता एंव पूर्व सहायक एडवोकेट जनरल विकास विकास वर्मा ने आज भारतीय विधि आयोग के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी से मुलाक़ात की तथा एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल पर विस्तृत रूप से चर्चा की तथा वकीलों के संबंध में कुछ सुझाव एवं महत्वपूर्ण विचार साझा किए जिस पर उन्होंने अपनी सहमति दर्शाते हुए आगामी महीने में होने वाले सेमिनार के लिए समय निश्चित किया ।
वर्मा भारतीय विधि संस्थान के सदस्य भी हैं ।
साथ में मुख्य रूप अधिवक्ता दुर्गेश गुप्ता अधिवक्ता मुम्बई हाईकोर्ट मौजूद थे
ज्ञात रहे कि विधि संबंधी विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव देने के लिए सरकारें आवश्यकतानुसार आयोग नियुक्त कर देती है; इन्हें विधि आयोग (Law Commission, लॉ कमीशन) कहते हैं। स्वतन्त्र भारत में अब तक 22 विधि आयोग बन चुके हैं। 21 वें विधि आयोग का कार्यकाल 2018 तक था और न्यायमूर्ति बलबीर सिंह चौहान इसके अध्यक्ष थे। 19 फरवरी 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 22 वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी गयी है जिसका कार्यकाल सरकारी राजपत्र में गठन के आदेश के प्रकाशन की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए होगा और जो जटिल कानूनी मसलों पर सरकार को सलाह देना रहता है .
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