4 जनवरी 2023- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से आग्रह कि जब तक परिवार पहचान पत्र में सभी गरीब लोगों की आय की वैरिफिकेशन उचित ढंग से न हो जाये, तब तक पूर्व में जिन गरीबों को बीपीएल कार्ड बने हुए है, उन्हे बरकरार रखा जाये। विद्रोही ने कहा कि जब भाजपा सरकार ने परिवार पहचान पत्र बनाने की शुरूआत की थी, तब प्रदेश के अधिकांश लोगों को पता नही था कि यदि इनमें आय के गलत डाटा भरे गए तो ऐसेे गलत डाटा परिवारों को सरकार सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित कर देगी। बीपीएल श्रेणी में आने वाले 90 प्रतिशत परिवारे तो वैसे भी सरकारी योजनाओं की पूरी समझ नही रखते। प्रदेश के हर परिवार पीपीपी पत्र बनवाना अनिवार्य करने के बाद आमजन सरकार द्वारा निर्धारित सीएससी व अटल सेवा केन्द्रों मं अपने परिवार पहचान पत्र के डाटा भरवाने गए। इन सैंटरों के डाटा आपरेटरों द्वारा जो भी सही या गलत आय डाटा भर दिया गया, उसके साईट इफेक्टस के बारे में न तो डाटा आपरेटरों जानते थे और न ही आमजन।
विद्रोही ने कहा कि इस अज्ञानता के सबसे ज्यादा शिकार बीपीएल परिवार हुए है। आय के गलत डाटा भरने के मध्यनजर जो परिवार वास्तव में गरीबी रेखा से नीचे आते है, वे गरीब परिवार बीपीएल राशन कार्ड से वंचित हो गए। आय डाटा की गलती से वास्तविक गरीब गरीबी राशन कार्ड व अन्य सामाजिक सुरक्षा की सरकारी योजनाओं से यदि वंचित हो जाते है तो इन योजनाओं पर ही बडा प्रश्नचिन्ह लग जाता है। जिन गरीब लोगों के लिए सरकारों ने विभिन्न सामाजिक सुरक्षा की योजना बनाई है, यदि उन्ही गरीबों को इनका लाभ नही मिलेगा तो इन योजनाओं का औचित्य ही क्या रह जायेगा। विद्रोही ने कहा कि सरकार कम से कम दो माह का समय प्रदेश के हर परिवार को दे जिससे वह अपनी आय डाटा को दुरूस्त कर सके। वहीं परिवार पहचान पत्र में आय की दुरूस्ती के डाटा का वैरिफिकेशन की जिम्मेदारी गांव के पटवारी, ग्राम सचिव व गांव के सरकारी स्कूल के अध्यापक की हो। उक्त तीनों सदस्य आय वैरिफिकेशन सम्बन्धित कार्य नम्बरदार, सरपंच व वार्ड के पंच की मौजूदगी में करे ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति आय डाटा की गलती सेे सामाजिक सुरक्षा से वंचित न रहे।
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