विद्रोही ने कहा कि भाजपा वोट बैंक की गंदी राजनीति के लिए इस कदर गिर गई कि अब वह आजीवन जेल सजा काट रहे ब्लात्कारियों, हत्यारों का जेल से पैरोल देने के लिए सत्ता दुरूपयोग से पैरोल देने के नियमों में बदलाव करने में जरा भी शर्म नही कर रही।
सच्चा सौदा डेरा सिरसा संचालक गुरमीत राम रहीम को अपनी दो शिषयाओं से ब्लात्कार मामले में दो-दो आजीवन जेल सजा सीबीआई की विशेष अदालत ने दी, वहीं सिरसा के जाने-माने पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति की हत्या करवाने के मामले में व डेरा के मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या करवाने के मामले में अलग-अलग दो आजीवन सजा भी सीबीआई विशेष अदालत दे चुकी है।
विद्रोही ने कहा कि ब्लात्कार व हत्या मामले में चार-चार आजीवन सजायाफ्ता कैदी राम राहीम को भाजपा-जजपा सरकार ने वर्ष 2022 में 91 दिनों की पैरोल तीन बार दी, वहीं वर्ष 2023 शुरूे होते ही इस आजीवन सजायाफ्ता कैदी को फिर 40 दिन की पैरोल दी गई है। इस तरह विगत एक साल में ही राम रहीम को चार बार में 131 दिनों की पैरोल देना जेल सजा व पैरोल नियमों का खुला दुरूपयोग नही तो क्या है?
वोट बैंक की राजनीति के लिए एक ब्लात्कारी को बार-बार पैरोल देना क्या कथित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को संघीसरकार खुद ही जुमला साबित नही कर रही है? वहीं पैरोल पर बाहर आये गुरमीत राम रहीम खुलेआम ऑनलाईन सत्संग भी कर रहा है।
इस ब्लात्कारी, हत्यारे के ऑनलाईन सत्संग में भाजपा सांसद व विधायक, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार, भाजपा नेता, भाजपा के मेयर, डिप्टी मेयर, जिला परिषद, ब्लॉक समिति के चेयरमैन जिस तरह कथित ऑनलाईन सत्संग में आशीर्वाद लेने की होड़ लग रही है, वह महिलाओं के यौन शोषण करने वाले का महिमामंडन नही तो और क्या है? विद्रोही ने हरियाणा के तमाम राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने इस वोट बैंक की औच्छी व गंदी राजनीति का खुलकर विरोध नही किया तो हरियाणा में महिलाओं की अस्मिता, गरिमा की सुरक्षा की बात करना एक ढोंग होगा।
वहीं आमजनों को भी इस ब्लात्कारी से आशीर्वाद लेने का समर्थन करने वाले नेताओं का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए ताकि कोई भी सत्ता, धन व वोट बैंक के बल पर महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने का दुसाहस भी न कर सके।
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