ड्यूटी मजिस्ट्रेट दंड प्रक्रिया संहिता-1973 में निहित कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियों का प्रयोग करेगा। सभी संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित भूमि एवं उपरोक्त कार्यवाही पर किसी न्यायालय की ओर से कोई रोक/यथास्थिति आदि न हो तथा कार्य नियमानुसार हो।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने किया है एक साइबर अपराध स्वयंसेवी ढांचा विकसित : उपायुक्त नेहा सिंह
-साइबर स्पेस को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में समाज की सेवा करने के जुनून वाले नागरिकों को एक साथ लाना साइबर क्राइम वालंटियर फ्रेमवर्क का उद्देश्य
-अधिक से अधिक भारतीय नागरिकों से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर साइबर वालंटियर के रूप में अपना पंजीकरण करवाने का किया आह्वïान
पलवल, 09 जनवरी। उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार से राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर पंजीकृत साइबर वालंटियर्स का उपयोग करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने एक साइबर अपराध स्वयंसेवी ढांचा विकसित किया है, जिसे गत 1 अक्तूबर 2020 से शुरू किया गया है। इसे राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है, जो साइबर क्राइम के खतरा से निपटने में नागरिकों की भागीदारी को सक्षम बनाता है। साइबर क्राइम वालंटियर फ्रेमवर्क का उद्देश्य साइबर स्पेस को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में समाज की सेवा करने के जुनून वाले नागरिकों को एक साथ लाना है।
उन्होंने बताया कि कोई भी भारतीय नागरिक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर साइबर वालंटियर के रूप में पंजीकरण कराकर स्वयं को संबद्ध कर सकता है। अब तक विभिन्न राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों द्वारा 2 हजार 300 से अधिक स्वयंसेवकों को मंजूरी दी जा चुकी है। इन स्वयंसेवकों की सेवाओं का उपयोग राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए किया जा सकता है।
अभियान को डिजाइन करने से लेकर जमीनी स्तर पर जागरूकता यानी जागरूकता सामग्री तैयार करने, विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और संचार के अन्य माध्यमों से जनता तक पहुंचने के लिए इन स्वयंसेवकों की मदद ली जा सकती है।
यह स्वयंसेवक राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र की कानून प्रवर्तन एजेंसियों और नागरिकों के बीच एक सेतु का काम कर सकते हैं। साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अधिक स्वयंसेवकों को नामांकित करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।
उपायुक्त नेहा सिंह ने आह्वïान किया कि साइबर अपराधों से समन्वित तरीके से निपटने के तंत्र तथा सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक भारतीय नागरिक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर साइबर वालंटियर के रूप में अपना पंजीकरण करवाएं। नागरिक स्वयं को साइबर जागरूकता प्रवर्तकों के रूप में पंजीकृत कर आगे आएं और समाज को सुरक्षित बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएं।
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