हरियाणा: भिवानी, 03 दिसंबर : जिला प्रशासन एवं नगर परिषद द्वारा शहर में स्वच्छता अभियान के नाम पर लाख दावे किए जाते है, लेकिन भिवानी में लगे गंदगी के ढ़ेर देखकर तो ऐसा लगता है कि या तो स्वच्छता सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है या फिर स्वच्छता अभियान मात्र फोटो खिंचवाने तक सीमित रह गया है। यहां तक कि मंदिरों के सामने फैली गंदगी जिला प्रशासन व नगर परिषद अधिकारियों की बड़ी नाकामी दर्शाती है। यह बात सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश सैनी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से शहर की सफाई व्यवस्था पर पटरी पर लाए जाने के निर्देश देने की मांग करते हुए कही।
सैनी ने कहा कि स्वच्छता के नाम पर जब भी सर्वे की बात आती है तो नेता, मंत्रीगण सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी हाथों में झाडू उठाए सडक़ों पर नजर आते है, परन्तु कुछ दिनों बाद शहर का फिर वही आलम हो जाता है। उन्होंने कहा कि सफाई अभियान के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वच्छ भारत के नाम से केवल लोगों को ठगा जाता है। उन्होंने कहा कि आज ना केवल गली-महोल्ला, स्कूल कॉलेजों के समक्ष, बल्कि मंदिरों के सामने भी गंदगी फैली हुई है, जो कि ना केवल शहर के सौंदर्य पर प्रश्रचिह्न लगा रही है, बल्कि लोगों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुुुंचा रही है।
सैनी ने कहा कि शहर में लगे कचरे के ढ़ेरांं के चलते स्थानीय निवासियों के साथ-साथ राहगीरों तक का आना-जाना दूभर हो चुका है तथा पूरा शहर दुर्गंध भरे माहौल में जीने को मजबूर है। अधिकारियों को चाहिए कि वे सिर्फ एसी कमरों में बैठकर निर्देश देने की बजाए जमीनी हकीकत पर उतरकर शहर की चमरमराई व्यवस्था देखे। सैनी ने कहा कि अधिकारियों की लाापरवाही व अनदेखी की की मार शहर को झेलनी पड़ रही है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से शहर की सफाई व्यवस्था की ओर ध्यान देने की मांग की, ताकि लोगों को नारकीय जीवन ना जीना पड़े।
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