फरीदाबाद। देश के 13 राज्यों में अपनी सांस्कृतिक विरासत को अपने में समेटे गुर्जर समाज पहली बार आर्गनाइज तरीके से खुलकर सामने आ रहा है। इसके लिए 23 व 24 दिसंबर को सूरजकुंड मेला परिसर में गुर्जर महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें लाखों की संख्या में समाज के लोगों के जुटने का दावा किया गया है।
महोत्सव की आयोजक गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट के सदस्यों ने आज मीडिया से बात की। इसमें बताया कि गुर्जर समाज की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है लेकिन किन्हीं कारणों से उनके खिलाफ नकारात्मक प्रोपगेंडा चलाया गया और उन्हें राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक स्तरों पर अलग करने का प्रयास किया गया है। लेकिन आज समाज जाग रहा है और अपने असली स्वरूप को सामने ला रहा है।
आने वाली पीढ़ी के लिए हो रही सारी कसरत
आयोजन के संयोजक दिवाकर बिधूड़ी एवं सह संयोजक रोमी भाटी आदि ने बताया कि गुर्जर महोत्सव के जरिए हम आने वाली पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास के बारे में बताया चाहते हैं। इसके लिए विद्वानों के सेमिनार, पेंटिंग प्रतियोगिता, व्यंजनों, सांस्कृतिक प्रदर्शनी, महापुरुषों के जीवन पर आधारित स्लाइड शो, नृत्य-संगीत आदि कार्यक्रमों का आयोजन होगा। गुर्जर महोत्सव में गुर्जर समाज के स्वतंत्रता सैनानियों, विभिन्न सेनाओं के नायकों और साहित्य की भी जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। जिसमें भागीदारी करने के लिए देश के 13 राज्यों में फैले गुर्जर समाज के लोग यहां आ रहे हैं।
सुरक्षा के लिए चप्पे चप्पे पर होगी निगाह
महोत्सव के संयोजक दिवाकर बिधूड़ी ने बताया कि मेला परिसर को सुरक्षित रखने के लिए 500 वालंटियर की नियुक्ति की गई है जो यहां चप्पे चप्पे पर निगाह रखने के साथ साथ आने वालों का मार्गदर्शन करने का काम करेंगे। मेला परिसर में सुरक्षा के लिहाज से ही सीसीटीवी भी लगाने का काम हो रहा है वहीं स्थानीय पुलिस के साथ कोर्डिनेशन के साथ काम किया जा रहा है।
दूरदराज से आने वाले गुर्जर भवनों में ठहरेंगे
बिधूड़ी ने बताया कि गुर्जर महोत्सव में 13 राज्यों से लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत को लेकर आएंगे। दूर दराज से आने वाले लोग फरीदाबाद और गुरुग्राम के गुर्जर भवनों में ठहरेंगे जहां से मेला परिसर तक आने जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है वहीं बड़ी संख्या में लोग अपने रिश्तेदारों के यहां भी ठहरेंगे। इसके अलावा दिल्ली एनसीआर से आने वाले अपने वाहनों से यहां पहुंचेंगे जिनकी पार्किंग की व्यवस्था को चौकस रखा जाएगा।
गैर-राजनैतिक रहेगा गुर्जर महोत्सव
महोत्सव के सह-संयोजक रोमी भाटी ने बताया कि हम जानते हैं कि गुर्जर समाज को राजनैतिक रूप से नजरअंदाज किया गया है लेकिन यह आयोजन पूरी तरह से गैर राजनैतिक होगा। इसमें समाज के हर वर्ग के व्यक्ति का स्वागत होगा। मेला आयोजन पूरी तरह निशुल्क है, इसमें भागीदारी गुर्जर समाज कर रहा है लेकिन इसमें दर्शक के तौर पर आने के लिए सभी निमंत्रित हैं। उन्होंने बताया कि यह हमारा पहला प्रयास है लेकिन हम हर वर्ष पिछली बार से कुछ सीखने की कोशिश करेंगे।
सोशल मीडिया से जुड़ेंगे युवा
रोमी भाटी ने बताया गुर्जर महोत्सव की सफलता के लिए युवा जुटे हुए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए संदेश और सेल्फी फैलाने का काम जारी रखा हुआ है। हजारों की संख्या में युवा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिदिन गुर्जर महोत्सव में सम्मिलित होने की अपील कर रहे हैं। वह यहां मेला की तैयारियों का जायजा लेने आ रहे हैं और यहां के फोटो और वीडियो अपलोड कर रहे हैं। जिससे यह महोत्सव एक सामाजिक कुंंभ होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है जिसके मंथन से सामाजिक समरसता का अमृत निकलेगा।
इस अवसर पर अनंतराम तंवर, रणबीर चंदीला, हवा सिंह छौंकर, नीतू भड़ाना, तिलक राज बैंसला, ज्ञानचंद भड़ाना, रणदीप चौहान, निरंजन नागर, निर्मल डेढ़ा, रघुबर नागर आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
Post A Comment:
0 comments: