चंडीगढ़, 29 दिसंबर - हरियाणा पुलिस ने ड्रग माफिया और नशे के कारोबार के खिलाफ अपने लक्षित अभियान के तहत वर्ष 2022 के दौरान करोड़ों रुपये कीमत का 24 टन मादक पदार्थ जब्त कर नशा कारोबारियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में कामयाबी हासिल की है। इस अवधि में पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल लोगों की 31.45 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच करवाई है। साथ ही प्रदेश में मादक पदार्थों तस्करी के आरोपियों की 12.23 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच करने की प्रक्रिया भी जारी है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने 2022 में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत कुल 3636 मामले दर्ज किए हैं, जबकि 2021 में यह संख्या 2583 थी। डीजीपी ने कहा कि राज्य से नशे को पूरी तरह खत्म करने और आने वाली पीढ़ी को इस खतरे से बचाने के लिए नशा तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। नशे के कारोबार में लिप्त लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा और किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
मादक पदार्थों की बरामदगी की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष नशा तस्करों के कब्जे से 271 किलो से अधिक अफीम, 196 किलो से अधिक चरस/सुल्फा, 10173 किलो से अधिक चूरा पोस्त, 6 किलो 701 ग्राम स्मैक, 13311 किलो से अधिक गांजा और 35 किलो 328 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है।
ऐसे लगाई नशे के अवैध कारोबार पर रोक
डीजीपी ने कहा कि पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी को रोकते हुए नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यह हमारी पुलिस टीमों के प्रयासों के साथ-साथ अंतरराज्यीय स्तर पर सूचना के आदान-प्रदान के कारण ही संभव हुआ है कि 2021 की तुलना में इस साल मादक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज केसों की संख्या में वृद्धि हुई है। हमने एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रदेश से भारी मात्रा में नशा जब्त कर नशा कारोबारियों के मंसूबों को ध्वस्त किया। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) सहित हमारी फील्ड इकाइयों ने राज्य में सभी प्रकार के नशीले पदार्थों की संभावित आपूर्ति को ध्वस्त किया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा को नशा मुक्त राज्य बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप पुलिस लगातार मादक पदार्थ की तस्करी पर अंकुश लगा रही है। सिरसा में एनडीपीएस एक्ट के तहत सर्वाधिक 587 मामले दर्ज किए गए। इसी प्रकार, फरीदाबाद में 349, करनाल में 273, फतेहाबाद में 240 और कुरुक्षेत्र में 220 मामले दर्ज किए गए। हमारे समाज में ड्रग्स के लिए कोई जगह नहीं है। मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ हमारा अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि नशे के खतरे से युवाओं को बचाया जा सके। इसके अतिरिक्त, युवाओं को नशा के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
नशे के खिलाफ आगे आएं।
डीजीपी ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि नशा कारोबारियों के नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए पुलिस का साथ दे और नशे की बिक्री, खपत और उपयोग संबंधी जानकारी मोबाइल नंबर 7087089947, टोल-फ्री नंबर 1800-180-1314 और लैंडलाइन नंबर 01733-253023 पर साझा करें।
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