चंडीगढ़, फरीदाबाद। राज्य में क्षतिग्रस्त सड़कों और खुली नालियों सहित सीवरेज के पानी में गिरने से 51 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एनआइटी फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा के सवाल के जवाब ये आंकड़े दिए। मौत के आंकड़े जनवरी 2015 से 30 नवंबर 2022 तक के हैं। हालांकि नीरज शर्मा ने इनमें फरीदाबाद क्यूआरजी अस्पताल के सेफ्टी टैंक की जहरीली गैस से मरे चार लोगों की मौत के आंकड़े शामिल नहीं किए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार विधानसभा के पटल पर गलत आंकड़े दे रही है। फरीदाबाद के आंकड़ों के बारे में तो उन्हें जानकारी है। आंकड़े अन्य जिलों के भी गलत हो सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने इसका संज्ञान लेते हुए मंत्री को आगाह किया कि वह सही आंकड़े नहीं देने वाले अधिकारियों की ऐसी सजा तय करें, जो अन्य लापरवाह अधिकारियों के लिए भी नजीर बने।
विधायक ने फरीदाबाद एयरफोर्स रोड पर खुले नाले में गिरने से हुई 11 वर्षीय कुणाल की मौत के मामले में कहा कि यह हादसा पांच नवंबर को हुआ था और अब 54 दिन बाद भी सरकार के पास इसकी जांच रिपोर्ट नहीं है। पुलिस ने नगर निगम से पूछा है कि कुणाल की मौत का जिम्मेदार कौन अधिकारी है? इसकी जानकारी नगर निगम ने पुलिस को नहीं दी है। इतना ही नहीं इस हादसे की जगह पर ही मुख्यमंत्री की 2015 में की गई घोषणा के अनुसार हाई मास्क लाइट लगनी थी लेकिन यह दूसरी जगह पूर्व विधायक ने लगवा ली। यह नाला भी पक्का बनाया जाना था। लेकिन इस नाले पर स्लैब नहीं रखी गई। नीरज शर्मा ने कहा कि कुणाल की मौत के जिम्मेदार अधिकारियों के बारे में जानकारी दी जाए ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा कुणाल के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और सरकारी नौकरी भी दी जाए।
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