चंडीगढ़, 24 दिसंबर - वर्ष 2014 में हरियाणा के इतिहास में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हर हरियाणवी को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने का संकल्प लिया था। अपने इस संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने व्यवस्था परिवर्तन करते हुए निरंतर कल्याणकारी योजनाएं चलाई। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकारी प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नागरिकों को सेवाओं का त्वरित लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के अपने विजन के अनुरूप एक ऐसा दस्तावेज बनाने की पहल शुरू की, जिससे अंत्योदय परिवारों का लाभ सुनिश्चित हो सके। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र जैसी महत्वाकांक्षी योजना लाकर नागरिकों को एक ऐसा दस्तावेज दिया है, जिससे कोई भी नागरिक ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ही सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
परिवार पहचान पत्र आज एक ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है, जिसमें हरियाणा के प्रत्येक नागरिक सहित हर परिवार की जानकारी उपलब्ध है। इतना ही नहीं, नागरिक किन - किन योजनाओं के लिए पात्र हैं, यह जानकारी भी अब उन्हें स्वयं पता लग रही है। विडंबना थी कि पहले नागरिकों को यह पता ही नहीं लग पाता था कि वे किन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं और इस कारण कुछ अपात्र या रसूखदार लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा लेते थे। लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सिस्टम में पारदर्शिता लाने और बिचौलियों को खत्म करने के लिए पीपीपी बनाया, ताकि अपात्र लोग गलत तरीके से किसी भी योजना का लाभ न ले सकें।
पीपीपी बना कल्याणकारी योजनाओं का वाहक
परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर 2.85 करोड़ नागरिकों सहित प्रत्येक परिवार का डाटा अपडेट हो चुका है। अधिकतम परिवारों का जाति, जन्म तिथि, आय का सत्यापन भी पूरा किया जा चुका है। सरकार ने पीपीपी के साथ लगभग 600 से अधिक योजनाओं व सेवाओं को एकीकृत किया है। अब हर योजना का लाभ पीपीपी के माध्यम से मिल रहा है। नागरिकों को अंत्योदय सरल केंद्रों, कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर केवल पीपीपी आईडी बतानी होती है और उनकी पात्रता के अनुसार उन्हें योजनाओं व सेवाओं का लाभ मिलता है। ऐसी व्यवस्था करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां केवल एक आईडी से नागरिकों को सभी प्रकार के लाभ मिल रहे हैं। हरियाणा का परिवार पहचान पत्र अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बन गया है।
पीपीपी के माध्यम से आज प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएएवाई), आयुष्मान भारत योजना, राशन कार्ड, सभी प्रकार की पेंशन योजनाएं, विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएं, आरसी/ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना, समाज कल्याण योजनाएं, कृषि, बागवानी विभागों की योजनाएं, स्कूल, कॉलेज आदि में प्रवेश सहित अन्य पात्रता के अनुसार अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
सुशासन की दिशा में महत्त्वपूर्ण दस्तावेज बन कर उभरा पीपीपी
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिखाए गए सुशासन के मार्ग और पंडित दीन दयाल उपाध्याय द्वारा अंत्योदय दर्शन पर चलते हुए हरियाणा सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन से सुशासन की दिशा में काम किया है। पीपीपी के माध्यम से एक ओर जहां समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का उत्थान सुनिश्चित हुआ है, वहीं योजनाओं में पारदर्शिता के चलते सरकार की योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचना सुलभ हुआ है।
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