नई दिल्ली/ चंडीगढ़/ फरीदाबाद - हरियाणा में सरकार है इस पर लोग समय-समय पर सवाल उठाते रहते हैं और लोगों का कहना है प्रदेश राम भरोसे है, सरकार ही नहीं है और है तो कागजों में चल रही है। इसके कई कारण हैं। प्रदेश के अधिकतर जिलों की सड़कों के गड्ढे कई-कई साल से नहीं भरे गए और प्रदेश के कई जिले की लाखों जनता मिलावटखोरों का शिकार हो रही है। निजी अस्पतालों की संख्या में रिकार्ड बढ़ोत्तरी हो रही है और बड़े हों या बुजुर्ग या बच्चे सब मिलावटखोरों का शिकार हो रहे हैं और असमय किसी का लीवर खराब हो रहा है तो किसी का गुर्दा तो किसी का दिल ही जबाब लेने लगा है। प्रदेश के तमाम समाजसेवी समय-समय पर सवाल उठाते रहते हैं और सम्बंधित अधिकारी खानापूर्ति कर अखबारों में छपने या सोशल मीडिया पर दिखने तक सीमित हैं।
मिलावटखोरों को किसी का डर नहीं है। पलवल, नूह और मेवात में मिलावटखोर ज्यादा सक्रीय हैं और सूत्रों की मानें तो इन जिलों की नकली पनीर रोजाना फरीदाबाद एनसीआर क्षेत्र में बेधड़क बेंची जा रही है। नकली पनीर 100 रूपये प्रति किलो के आस-पास खरीदी जाती है और ढाई से 300 रूपये प्रति किलो आराम से बिक जा रही है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के जाने माने युवा समाजसेवी वरुण श्योकंद ने कई वर्ष पहले शहर की दर्जनों दुकानों की पनीर के सिंपल की जांच करवाई थी और अधिकतर सैम्पल फेल हो गए थे।
कुछ विभाग के अधिकारी अब भी कभी-कभी छापेमारी करते हैं लेकिन छापेमारी की रिपोर्ट लापता हो जाती है। सिर्फ दिखावा किया जाता है। इस कारण शहर के लोग बड़ी-बड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। अब ताजा जानकारी के मुताबिक दिल्ली -एनसीआर समेत हरियाणा के कई जिलों में मिलावटी व नकली दुग्ध उत्पादों की धड़ल्ले से सप्लाई पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, डीजी हेल्थ सर्विसेस, स्वास्थ्य सचिव व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
फरीदाबाद निवासी वरुण श्योकंद ने एडवोकेट आरएस चहल के माध्यम से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी पलवल, मेवात व नूंह में हर रोज 40 हजार किलो नकली व मिलावटी दुग्ध उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इन उत्पादों को फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी, नारनौल, नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली व अन्य स्थानों पर बिक्री के लिए भेज दिया जाता है। इन दुग्ध उत्पादों को तैयार करने के लिए मैलामाइन, palmolein रिफाइंड, , सल्फ्यूरिक एसिड, ग्लिसरीन, यूरिया, स्टार्च व कास्टिक सोडा, शैम्पू, डेटोल, केमिकल का इस्तेमाल होता है। हरियाणा सरकार और सम्बंधित विभागों पर सवाल इस लिए उठ रहे हैं कि ये जहरीला दूध हरियाणा के कई जिलों में बन रहा है और दिल्ली सहित यूपी के कई जिलों में भी सप्लाई किया जा रहा है।
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