चंडीगढ़, 9 नवंबर – वर्ष 2014 में हरियाणा में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद से सरकार की विकासात्मक सोच का परिणाम राज्य में दिखने लगा है। पिछले 8 वर्षों में विकास के मामलों में हरियाणा ने रिकॉर्ड कायम किया है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच को जाता है। आधारभूत संरचना के विकास में न केवल धन की उपलब्ध ता को बढ़ाया है, बल्कि पूरे प्रदेश में सभी क्षेत्रों में नए प्रोजेक्ट लगाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मानना है कि हमारी सरकार सिर्फ बात नहीं करती, बल्कि बदलाव को अपनाकर प्रदेश के समुचित विकास पर ध्यान देना है। आज के दौर में ढांचागत विकास के मामले में हरियाणा देश के बड़े राज्यों में शुमार हो चुका है। मुख्यमंत्री, जो हरियाणा के वित्त मंत्री भी हैं, ने अपने अर्थशास्त्र के विजन को मूर्तरूप देते हुए नीतिगत बदलाव कर लंबी अवधि की परियोजनाओं के लिए 8700 करोड़ रुपये का मीडियम टर्म एक्सपेंडिचर रिजर्व फंड बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट वार्षिक आधार पर आवंटन किया जाता है और कई परियोजनाएं लंबी अवधि की होती हैं, जिनको पूरा होने के लिए एक वर्ष से भी अधिक समय लगता है। हमारी सरकार ने इस वास्तविकता को स्वीकार करते हुए कि कई परियोजनाओं, विशेष रूप से बुनियादी ढांचा से संबंधित परियोजनाओं के लिए बजट की आवश्यकता पड़ती रहती है। इसलिए वार्षिक आधार पर बजट आवंटन के कारण परियोजनाओं के पूरा होने में देरी न हो, इसके लिए मध्यम अवधि के व्यय ढांचे का प्रावधान करके ऐसी परियोजनाओं के लिए एक रिजर्व फंड बनाया है।
59 आरओबी व आरयूबी बनाए गए तथा 40 का काम प्रगति पर
प्रदेश में सभी रेलवे फाटकों पर रेलवे ओवरब्रिज अथवा रेलवे अंडरब्रिज बनाए जा रहे हैं। पिछले 8 वर्षों में रेलवे मैपिंग करवाते हुए ऐसे स्थानों को चिह्नित किया गया है, जहां-जहां आरओबी या आरयूबी की जरूरत है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान 59 आरओबी अथवा आरयूबी का निर्माण पूरा किया जा चुका है और 40 आरओबी अथवा आरयूबी का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
7717 करोड़ रुपये से 18,470 किलोमीटर लंबी सड़कों का सुधार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नागरिकों को सुगम और निर्बाध आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए सड़क तंत्र को मजबूती प्रदान की है। केंद्र सरकार को हरियाणा ने जो भी प्रोजेक्ट भेजे हैं, उन्हें केंद्र सरकार ने तत्काल अनुमोदित किया है। इसी की परिणाम है कि प्रदेश में 17 नए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हुए, जिनमें से 7 का कार्य पूरा हो चुका है और 10 पर कार्य प्रगति पर है। इतना ही नहीं, 7717 करोड़ रुपये से 18,470 किलोमीटर लंबी सड़कों का सुधार किया गया है।
5,618 करोड़ रुपये की लागत से हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का शिलान्यास
लगभग 70 हजार करोड़ रुपये की लागत से सराय कालेखां-करनाल और सराय-कालेखां से अलवर राजस्थान बॉर्डर के बीच रिजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम क्नेक्टिविटी परियोजना शुरू की गई। पलवल- सोनीपत और सोहना – मानेसर के लिए 5,618 करोड़ रुपये की लागत से हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का भी शिलान्यास किया गया है। रोहतक में देश की पहली एलिवेटिड रेलवे लाइन बनाई गई कुरुक्षेत्र में भी एलिवेटेड रेलवे लाइन का कार्य शुरू हो चुका है। दिल्ली के चारों तरफ यातायात को सुगम करने के लिए कुंडली-मानेसर-पलवल और कुण्डली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस–वे बनाये गए, जिन पर यातायात शुरू हो चुका है। सोनीपत - जींद रेलवे लाइन पर भी यातायात शुरू तथा रोहतक -महम - हांसी और करनाल यमुनानगर रेलवे लाइन का कार्य शुरू हो गया है।
इसके अलावा, नरेला से कुण्डली, सोनीपत हुडा सिटी सेंटर रेलवे स्टेशन सेक्टर -22 , साइबर सिटी फरीदाबाद और गुरुग्राम व रेजांगला चौक से सेक्टर -21 द्वारका तक भी दिल्ली मेट्रो विस्तार को मंजूरी मिल गई है। राज्य सरकार द्वारा पिछले 8 सालों में अंबाला और भिवानी के रिंग रोड तथा हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र, पिंजौर तथा जींद नगरों के बाइपास बनाए गए हैं।
आने वाला हरियाणा 21वीं सदी का विकसित प्रदेश होगा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दृढ़ विश्वास है कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में जिस गति से विकास के कार्य हुए हैं, उस गति से आगे बढ़ते हुए आने वाला हरियाणा 21वीं सदी का विकसित और समृद्ध प्रदेश होगा, जहां शांति, सद्भावना और आपसी भाईचारे की कड़ियां और भी मजबूत होंगी। राज्य सरकार सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका सम्मान की आदर्श नीति पर चलते हुए कार्य करती रहेगी।
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