23 नवम्बर 2022- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा सरकार से पूछा कि वे बताये कि विगत 8 सालों में लिए गए लगभग ढाई लाख करोड़ रूपये से उन्होंने हरियाणा में कौनसा ढांचागत विकास किया और कहां किया? विद्रोही ने कहा कि प्रतिपक्ष नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के हरियाणा पर 3.11 लाख करोड़ रूपये का कर्ज होने का सवाल उठाने पर भाजपा इसका सटीक व सार्थक उत्तर देने की बजाय हताशा व सत्ता अहंकार में अनाप-शनाप दावे कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्रीे भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने वाजिब सवाल उठाया है कि जब प्रदेश मेें कोई नया बड़ा प्रोजेक्ट आया ही नही तो उक्त कर्जा क्यों और किसलिए लिया गया है? जब वर्ष 2014 में हरियाणा में कांग्रेस ने सत्ता छोडी थी, तब प्रदेश पर लगभग विभिन्न बैंकों व वित्तिय संस्थाओं का 70 हजार करोड़ रूपये का कर्ज था जो विगत 8 सालों में बढक़र 3.11 लाख करोड़ रूपये हो गया। इसका मतलब है कि भाजपा खट्टर सरकार ने विगत 8 सालों में विभिन्न बैंकों व वित्तिय संस्थाओं से लगभग 2.40 करोड़ रूपये का कर्ज लिया है। विद्रोही ने कहा कि सवाल उठता है कि भाजपा खट्टर सरकार ने कर्ज में लिए लगभग 2.40 लाख करोड़ रूपये खर्च कहां किये? प्रदेश में न तो कोई नया थर्मल प्लांट बना और न ही शिक्षा, स्वास्थ्य व नागरिक सुविधाओं का आधारभूत ढांचा इतना मजबूत हुआ है कि जिससे आमजन सुख-सुविधाओं से अपना जीवन जी सके। हरियाणा में सडक़ों के नाम पर जो नेशनल हाईवे बने है, वे तो केन्द्र सरकार के पैसों से बने है। वहीं हरियाणा की सडक़े तो आज भी जर्जर है। औद्योगिक विकास के लिए भाजपा खट्टर सरकार ने कहीं भी नई जमीन का अधिग्रहण नही किया।
विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में शिक्षा व स्वास्थ्ये ढांचा इतना लचर है कि आमजन सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढऩे व सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने की बजाय निजी स्कूल व अस्पतालों में जाने को मजबूर है। प्रदेश का स्वास्थ्य ढांचा इतना कमजोर हो चुका है कि स्वयं मुख्यमंत्री जी, उनके मंत्रीे, सांसद, विधायक, बड़े अफसर अपना खुद का इलाज फाईव स्टार सुविधाओं से लैस निजी अस्पतालों में करवाते है। ऐसी स्थिति में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि हरियाणा में किस तरह का ढांचागत विकास हुआ है। विद्रोही ने कहा कि ढांचागत विकास के नाम पर भाजपा सरकार ने भाजपा-संघ के फाईव स्टार सुविधाओं सेे युक्त कार्यालय भवन बनाये है, व संघी नेताओं, कार्यकर्ताओं के घरों, व्यापारिक संस्थानों का विकास हुआ है। लगता है कि भाजपा ने ढांचागत विकास के नाम पर सत्ता दुरूपयोग से सारा धन भाजपा-संघ कार्यालय व संघीयों के व्यक्तिगत विकास में लगा दिया और प्रदेश का ढांचागत विकास केवल कागजों में ही सिमटा दिया।
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