फरीदाबाद, 29 नवंबर। हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने आज फरीदाबाद एनआईटी 5 सी दास ग्रुप, रेडियो महारानी के बैठक कक्ष में प्रदेश के आधा दर्जन जिलों से सम्बंधित महिलाओं से सम्बंधित केसों की सुनवाई की।
महिला आयोग की चैरपर्सन रेनू भाटिया ने बताया की आज पुलिस विभाग में विचाराधीन महिलाओं से संबंधित 35 केसो को हरियाणा के अलग अलग जिलों से रजिस्टर्ड करके लाये थे। जिनमें पहले से कुछ मामले दर्ज थे। कुछ मुक़दमे कोर्ट में चल रहे थे कुछ री-ओपन हुए थे। उसके बावजूद हमने यह बात भी कही की अगर किसी को भी अपना केस आज दर्ज करना है तो वो लिखित में एप्लीकेशन से सकता है। ऐसे करके हमारे पास 35 मामले और आये जिसमे हमने कुछ केसों को सुना और अगली बार के लिए समय दिया। हम पहले केस को खुद स्टडी करते है फिर केस से सम्बंधित थानों के अधिकारियों से बात करते है। उसके बाद हम प्रार्थी को बुलाते है। अलग-अलग तरह के केसों से सम्बंधित अधिकारियों से राय लेकर ही मामलों का निपटारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014-15 में प्रदेश में महिला थाने खुलवाए ताकि महिलाएं अपनी बात को खुलकर कह सके। महिला आयोग का उद्देश्य है की महिलाओ से सम्बंधित केसों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीके से किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हम समय-समय पर हर ज़िला में जाकर केसों के निपटारे का कार्यक्रम रखते है। इनमें जितने भी केस उस जगह के चौकी, थाने, महिला थाने में महिलाओं से सम्बंधित दर्ज होते हैं उनमें मामलो के लिए लोगो को बुलवाते है। उन्होंने कहा कि हम दोनों पार्टियों को समन करते है और थानों के अधिकारियों को बुलाते है। दोनों पार्टियों को आमने सामने बैठाकर दोनों पक्षों की बातों को सुनकर केस का निपटारा कराते है। यदि कोई एक पार्टी बुलाने के बाद भी नहीं आती तो दूसरी बार हम उनके खिलाफ कार्यवाही के आदेश दे देते है। उन्होंने कहा कि आयोग का पहला उद्देश्य यही है की दो पार्टियों को आमने सामने बैठाकर उनकी सुलह कराई जाये। चाहे वो पति पत्नी का मामला, जमीन का मामला चाहे किसी भी तरीके का मामला हो और इसके अलावा अपहरण या रेप के मामले में हम बिलकुल भी कोताही नहीं बरतते।
उन्होंने कहा कि हम प्रयास कर रहे है की महिलाओ को न्याय के लिए धक्के न खाने पड़े। जो महिलाये अपनी बात नहीं रख पाती हम अपनी पूरी कोशिश करते है की हम उनकी बात को सामने ला सके। उन्होंने वहां मौजूद महिलाओं से आह्वान किया कि महिलाओं को डरने की बिलकुल भी जरुरत नहीं उनके मन में जो बात है। उन्होंने जो शिकायत रखी है वह खुलकर कहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महिला थाने इसी लिए बनवाए थे कि महिलाएं अपनी बात बिना किसी दर के रख सके।
समाचार लिखे जाने तक शिकायतों का निपटारा किया जा रहा था। शिकायतें में फरीदाबाद, पलवल, मेवात, गुरूग्राम सहित आधा दर्जन जिलों से सम्बंधित महिलाओं के केसों का निपटान आपसी सहमति से करवाया गया है।
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