रोहतक - जिले के महम हल्के के सिंघपुरा गांव में प्रसासन द्वारा एक पुराने मामले के आधार पर अनुसूचित समाज के मकानों को गिराने के लिए प्रशासन के लोग बुलडोज़र लेकर गांव पहुंचे व कुछ घरों को भी तोड़ा। यह सूचना मिलते ही नवीन जयहिन्द तुरन्त सिंघपुरा गाँव पहुंचे और प्रसासन के साथ पीड़ितों के मकान ना तोड़ने को लेकर बहस छिड़ी, जिसमे जयहिन्द ने कहा कि गरीबो के घर तोड़ने वाला बुलडोज़र सबसे पहले मेरे ऊपर से जाएगा। जिसके बाद प्रशासन ने घरों को तोड़ना बन्द किया और गांववासियों के साथ मिलकर जयहिन्द ने लोगो का सामान वापिस उनके घरों में रखवाया।
जयहिन्द ने प्रशासन से कहा अगर हाई कोर्ट के फैसले को लागू करवाना है तो पहले एसवाईएल पर हाई कोर्ट के फैसले को लागू करवाए ओर बाद में इन गरीबो के घरों की तरफ देखना। साथ ही जयहिन्द ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये ऐसे मुख़्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री है जिनकी कोई नही सुनता। ऐसे मुख़्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
नवीन जयहिंद से गाँव के मौजूदा सरपंच ओर दूसरे ग्रामवासियो ने बात करते हुए बताया कि वे जिस जगह पर मकान बनांकर रह रहे हैं वो उनकी दादा लाई जगह हैं और पिछले 40 -50 सालों से यही रह रहे हैं लेकिन अब प्रसासन किसी के दबाव में आकर ओर कोर्ट का हवाला देकर उनके मकानों को तोड़ना चाहता हैं जिससे वे बेघर हो जाएंगे उनके पास रहने के लिए दूसरा कोई मकान भी नही हैं वे मजदूरी करके अपने बच्चो का पालन पोषण कर रहे हैं।
जयहिन्द ने पीड़ितों से बात करने के बाद बताया कि प्रसासन ओर सरकार गरीब पीड़ितों के साथ गलत कर रहा हैं और कोर्ट का डर दिखाकर गरीबो के मकान तोड़ना गलत हैं जबकि अनुसूचित समाज के पीड़ित व्यक्ति पिछले कई सालों से यहां घर बनांकर रह रहे हैं अगर प्रसासन ओर सरकार को सुप्रीमकोर्ट के आदेश का इतना ही डर हैं तो पहले सरकार सुप्रीमकोर्ट के उस आदेश का पालन करे जिसमे सुप्रीमकोर्ट ने एसवाईएल का पानी पंजाब से लेकर हरियाणा के किसानों को देने का आदेश दिया हुआ हैं जब खट्टर सरकार सुप्रीमकोर्ट के उस आदेश को ढेंगा दिखा रही हैं तो फिर इन गरीबो के मकानों को तोड़कर कौन सा पहाड़ तोड़ लेगी साथ ही नवीन जयहिंद ने अनुसूचित समाज के बने हुए अन्य संगठनों से भी सिंघपुरा गांव के पीड़ितों के समर्थन में आने बारे कहा कि जब आप समाज के पीड़ित व्यक्तियो को सहयोग नही दे सकते तो फिर समाज के नाम पर संगठन बनांकर क्यो दिखावा कर रहे हो।
पीड़ितों ने बताया कि हमने समाजसेवी नवीन जयहिंद से इस मामले में फोन पर बात की तो जयहिंद ने गाँव मे पहुँचकर उन्हें पूरा आश्वाशन दिया और कहा कि किसी भी कीमत पर आपके मकानों को नही तोड़ने दिया जाएगा बेशक इसके लिए उन्हें जेल ही जाना पड़े जयहिंद खुलकर प्रसासन द्वारा तोड़े जाने वाले मकानों के समर्थन में आ गए हैं और उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों से पीड़ितों का सहयोग देने की अपील भी की हैं।
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