चंडीगढ़, 27 नवंबर - हरियाणा राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि हरियाणा में 143 पंचायत समितियों के 3081 सदस्यों में से 117 पहले ही सर्वसम्मति से निर्विरोध चुन लिये गए थे। शेष 2,964 सदस्यों के लिए 11,888 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। 22 जिला परिषदों के 411 सदस्यों के लिए चुनाव करवाये गयें । इन पदों के लिये 3072 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। जिला परिषद सदस्य की सीट ग्रामीण क्षेत्र में लोक प्रतिनिधित्व की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होती है, इसके लिये सभी जिलों में प्रत्याशियों में कड़ा मुकाबला रहा।
राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव 2022 की मुख्य बातें
कुल ग्राम पंचायतें - 6,221
चुनाव हुये - 6,220 (ग्राम पंचायत संभालका खण्ड लाडवा जिला कुरूक्षेत्र का कार्यकाल फरवरी 2023 में पूर्ण होगा। वहां पर चुनाव उसके पूर्ण होने के पश्चात ही करवाये जायेंगे) सरपंच पद के लिए जहां कोई नामांकन प्राप्त नहीं हुये - 8
निर्विरोध/सर्वसम्मति से चुने गये सरपंचों की संख्या - 284
माननीय उच्च न्यायालय में दायर सिविल याचिका के कारण जिन ग्राम पंचायतों में सरपंचों के चुनाव नहीं हुये की संख्या - 4
कुल पंचों की संख्या - 61,985
पंच पद के लिए जहां कोई नामांकन प्राप्त नहीं हुये - 1,755
निर्विरोध/सर्वसम्मति से चुने गये पंचों की संख्या - 40,092
माननीय उच्च न्यायालय में दायर सिविल याचिका के कारण जिन ग्राम पंचायतों में पंचों के चुनाव नहीं हुये - 2
पंचायत समितियों के कुल सदस्य - 3081
निर्विरोध/सर्वसम्मति से चुने गये सदस्य - 117
राज्य में पंचायत चुनावों को लेकर विस्तारपूर्वक बताते हुये धनपत सिंह ने बताया कि राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के तीनों स्तर यानि ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों के पिछले आम चुनाव दिसम्बर, 2015 में हुये थे तथा पंच, सरपंच, जिला परिषद और पंचायत समिति के सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद पहली बैठक 16 फरवरी 2016 को हुयी थी। अतः इनका पांच वर्ष का कार्याकाल 15 फरवरी 2021 को पूर्ण हो गया था। लेकिन पहले कोविड -19 के कारण फिर किसान आंदोलन तथा बाद में माननीय पंजाब एंव हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर की गये सविल रिट याचिकाओं तथा कुछ अन्य अपरिहार्य कारणों से चुनाव समय पर नहीं करवाये जा सके। अंततः राज्य निर्वाचन आयोग ने अक्तूबर 2022 में पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनावों की घोषणा की तथा यह चुनाव तीन चरणों में करवाये जाने का चुनाव कार्यक्रम जारी किया गया।
पहले चरण में 9 जिले, भिवानी, झज्जर, जीन्द, कैथल, महेन्द्रगढ़, नूहं, पंचकूला, पानीपत और यमुनानगर मेें 30 अक्तूबर 2022 को पंचायत समितियों और जिला परिषदों के सदस्यों के लिये तथा 2 नवम्बर 2022 को इन जिलों में ग्राम पंचायतों के पंचों एवं सरपचों के चुनाव के लिए मतदान हुआ। दूसरे चरण में 9 जिले, अंबाला, चरखी दादरी, गुरूग्राम, करनाल, कुरूक्षेत्र, रेवाड़़ी, रोहतक, सिरसा तथा सोनीपत में पंचायत समितियों और जिला परिषदों के सदस्यों के चुनाव के लिये 9 नवम्बर 2022 को मतदान हुआ तथा इन जिलों की सभी ग्राम पंचायतों के पंचों और सरपंचों के चुनाव के लिये 12 नवम्बर 2022 को मतदान हुआ।
27 एवं 28 अक्तूबर 2022 को फरीदाबाद में सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के शिखर सम्मेलन के कारण तथा राज्य में 3 नवम्बर को आदमपुर विधानसभा के उप-चुनाव के कारण फरीदाबाद, पलवल, हिसार तथा फतेहाबाद जिलों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों को तीसरे चरण में रखा गया। इन चारों जिलों में पंचायत समितियों और जिला परिषदों के सदस्यों के लिये मतदान 22 नवम्बर 2022 को हुआ तथा इन जिलों की ग्राम पंचायतों के पंचों और सरपंचों के चुनाव के लिये मतदान 25 नवम्बर 2022 को हुआ।
धनपत सिंह ने बताया कि आज दिनांक 27.11.2022 को राज्य के सभी 22 जिलों के लिये जिला परिषदों के 411 सदस्यों तथा 143 खण्डों में पंचायत समितियों के शेष 2964 सदस्यों के चुनाव के लिये मतों की गिनती आज शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई । इस प्रकार लम्बे इंतजार के बाद हरियाणा राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों के लिये अपने उम्मीदवारों को चुनने का मौका मिला।
धनपत सिंह ने बताया के इन सभी निर्वाचित प्रत्याशियों के नामों की नोटिफिकेशन हरियाणा राज्य सरकारी गज़ट में विधिवत रूप से 30 नवम्बर 2022 से पहले जारी कर दी जायेगी।
धनपत सिंह ने बताया कि राज्य में पंचायत समिति के चेयरमैन तथा जिला परिषद के अध्यक्ष (प्रेसीडेंट) का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से नहीं होता है। पंचायत समिति के लिये चुने गये सदस्यों में से पंचायत समिति के चेयरमैन का चुनाव होगा तथा इसी प्रकार जिला परिषद के लिये चुने गये सदस्यों द्वारा ही जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है।
जहाँ तक राजनैतिक दलों द्वारा इन चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारने का प्रश्न है, पंचों और सरपंचों के चुनाव में किसी भी राजनैतिक दल ने अपने चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़ा। हालांकि पंचायत समितियों में कुछ जिलों में बसपा, ईंडियन नैशनल लोकदल तथा सी.पी.आई.एम. ने कुछ वार्डों में अपने उम्मीदवार चुनाव में खड़े किये थे। जिला परिषदों के सदस्यों के लिये सभी राजनैतिक दलों ने कुछ वार्डों में अपने उम्मीदवारों को पार्टी चुनाव चिन्ह पर लड़वाया था। 22 जिला परिषदों की कुल 411 सीटों के लिये कुल 3072 उम्मीदवार खड़े हुये थे, जिनमें 114 आप, 102 भाजपा, 71 बसपा, 98 ईंडियन नैशनल लोकदल, 4 सी.पी.आई.एम. और 2 जजपा से संबंधित थे। इसी प्रकार, पंचायत समितियों में 2964 सदस्यों के लिये कुल 11888 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था जिसमे 46 बसपा, 2 ईंडियन नैशनल लोकदल और सी.पी.आई.एम. से संबंधित थे। अन्य सभी उम्मीदवार आज़ाद उम्मीदवार थे।
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