हरियाणा की बात करें तो हाल में आदमपुर में भी यही हुआ और कांग्रेस के मजबूत किले को भाजपा ने ध्वस्त कर दिया और 50 साल के इतिहास में पहली बार वहां कमल खिला। हरियाणा के कांग्रेसी नेता हार छुपाने के लिए तमाम बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन हार तो हार है चाहे एक वोट से ही हो। आदमपुर जीत के बाद हरियाणा के सीएम ने कहा कि प्रदेश में तीसरी बार भी हमारी सरकार बनेगी और हरियाणा कांग्रेस का यही हाल रहा तो सीएम की बात सत्य भी साबित हो सकती है।
हरियाणा कांग्रेस कई वर्षों से जहां बिना संगठन के है तो वहीं भयंकर गुटबाजी भी झेल रही है। अपने ही अपनों के जानी दुश्मन बने बैठे हैं। सरकार बनने पर उप-मुख्य्मंत्री या केबिनेट मंत्री हरियाणा का कोई कांग्रेसी नेता नहीं बनना चाहता, अधिकतर जो लगभग आधा दर्जन मुख्य कांग्रेसी हैं सब सिर्फ और सिर्फ सीएम बनने का ख्वाब देख रहे हैं और आपस में ही बयानबाजी कर रहे और सत्तापक्ष को मजे लेने का मौका दे रहे हैं।
हरियाणा भाजपा मिशन 2024 की तैयारी में जुट चुकी है और दिल्ली से चंडीगढ़ तक बैठकें ही बैठकें चल रही हैं और यही नहीं जिला स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठकें लगभग हर हफ्ते हो रहीं हैं जिनमे जिला स्तर के बड़े नेताओं कार्यकर्ताओं को गुरुमंत्र देते हैं जो गुरुमंत्र उन नेताओं को दिल्ली और चंडीगढ़ से मिलता है और कांग्रेस की बात करें तो अधिकतर कांग्रेसी नेता रात दिन इस चक्कर में व्यस्त हैं कि अपनी ही पार्टी के अपने नेता पर किस तरह का तीर चलाया जाए ताकि घायल हो सके और राजनीति के क्षेत्र में ऊंची उड़ान न भर सके।
हरियाणा कांग्रेस की बात करें तो वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष उदयभान अब तक कुछ बयानों के कारण चर्चाओं में आये हैं किसी अच्छे काम के लिए उनकी चर्चा नहीं हुई। 2019 में वो अपनी होडल सीट नहीं बचा पाए थे लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मेहरबानी से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पा गए और वर्तमान समय में हुड्डा अपने किसी कमी के कारण नहीं अपने प्रदेश अध्यक्ष के कारण घिर रहे हैं। राज्य सभा चुनाव में हार, फिर आदमपुर में भी और इन चुनावों के कारण प्रदेश में उदयभान अब तक संगठन नहीं खड़ा कर रहे। उन्होंने खुद कहा कि इन चुनावों में वो व्यस्त हैं इसलिए संगठन खड़ा करने में देरी हो रही है। इन चुनावों में क्या हुआ देश और प्रदेश ने देखा ,उदयभान की व्यस्तता का कोई फायदा कांग्रेस को नहीं मिला।
अगर कांग्रेस का यही हाल रहा तो 2024 में फिर पार्टी की दुर्गति होना लगभग तय है। लोकसभा चुनावों में फिर देश में भाजपा की सरकार बनने के अनुमान लगाए जा रहे हैं और उसके बाद हरियाणा विधानसभा के चुनाव होंगे और सूत्रों की मानें तो हरियाणा कांग्रेस जल्द न सुधरी तो 2024 के विधानसभा चुनावों में कई वर्तमान कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं और भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। ये सब भाजपा की अलग तरह की रणनीति का हिस्सा होगी। भाजपा लिस्ट भी तैयार करने में जुट गई है कि कौन से विधायक और कौन से पूर्व विधायक अपने पाले में आ सकते हैं। 2019 में 75 का नारा देने वाली भाजपा 2024 में एक अलग नारे के साथ मैदान में दिख सकती है। भाजपा के मुख्य लक्ष्य 2024 फिर बने अपनी सरकार जबकि कांग्रेसियों का फिलहाल लक्ष्य है कि अपनी ही पार्टी के कुछ नेता हो जाएँ हरियाणा पार?
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