फरीदाबाद - काफी समय से लटके हरियाणा पंचायत संपन्न हो गए और आख़िरी चरण के चुनावों के लिए आज नतीजे भी आ गए। अब जिला परिषद् और ब्लाक समिति के नजीते आने हैं। पंच सरपंच के नतीजे चौंकाने वाले आ रहे हैं खासकर सत्तारूढ़ भाजपा के लिए खुशखबरी नहीं है क्यू कि अधिकतर गांवों में जो भाजपा के बड़े नेताओं की होर्डिंग्स लगाकर चुनाव लड़ रहे थे आज शाम अधिकतर लटक नए यानी चुनाव हार गए। आज कई पोलिंग बूथों पर कुछ उम्मीदवारों ने भाजपा नेताओं के बड़े होर्डिंग्स लगा रखे थे लेकिन उनमे से अधिकतर के हारने की खबर आ रही है जो भाजपा के लिए मनन करने की जरूरत है। साधारण लोग चुनाव जीत गए और तमाम करोड़पति चुनाव हार गए।
इस तरह के नतीजों से साफ़ लगभग है कि गांव के लोग भी सत्ताधारी पार्टी से खुश नहीं हैं। जिले के अधिकतर गांवों की सड़कें दादा आजम के जमाने जैसी हैं। चलने लायक नहीं हैं। सरकार द्वारा जारी अन्य सुविधाओं के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं। भाजपा नेताओं को स्व घोषित विकास पुरुष कहा जा रहा है। कुछ लोग कुछ नेताओं को विनाश पुरुष बोलते हुए देखे गए। सड़कों पर धूल ही धूल और पिछड़े राज्यों से ज्यादा घटिया फरीदाबाद के गांवों की सड़कें हो चुकी हैं। कई अन्य कारण भी हैं जिस कारण जिले की जनता जिले के सत्ताधारियों से नाराज है। गांवों में जाने के बाद पता चला कि गांव के लोग भाजपा नेताओं के बारे में क्या कहते हैं। किसने कितना माल कमाया यही चर्चे और गांवों में भी होते हैं जो पहले शहर में थे।
हो सकता है जीते हुए पंच सरपंचों पर हरियाणा सरकार अपना हाथ रखे और गांवों में विकास करवाने का प्रलोभन देकर उन्हें अपने साथ जोड़ने का प्रयास करे। अगर पंच सरपंच इस प्रलोभन में आकर सत्ता से जुड़ भी जाते हैं तो भाजपा को कोई खास लाभ नहीं होगा। जब तक फरीदाबाद में युद्ध स्तर पर विकास नहीं शुरू होंगे तक जनता शायद ही सरकार से खुश रहे। जो हाल गांवों में देखा गया वैसा अगर नगर निगम चुनावों में होगा तो भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। शहर के लोग तो और दुखी और परेशान हैं और फरीदाबाद को नरक सिटी का दर्जा देते हैं। अभी समय है स्वघोषित विकास पुरुष जनता का दुःख दर्द समझें।
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