चंडीगढ़, 30 सितंबर : बहुत जल्द नागरिक अपनी शिकायतों के आधार पर हरियाणा के किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर की स्थिति जान सकेंगे। हरियाणा पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने पर नागरिकों के मोबाइल पर एसएमएस भेजने के लिए एक प्रणाली विकसित की है। उनकी शिकायत पर जांच के बाद एफआईआर दर्ज होने व जांच अधिकारी बदलने पर नागरिकों को एसएमएस भेजा जाएगा। जांच अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर नागरिकों को उनके मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
यह जानकारी ओपी सिंह, आईपीएस, निदेशक, राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, हरियाणा, ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक पी.के. अग्रवाल, आई.पी.एस. की अध्यक्षता में राज्य अधिकार प्राप्त समिति की 47 वीं बैठक के बाद दी। बैठक में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह विभाग, वित्त विभाग, एनआईसी और हारट्रॉन के प्रतिनिधियों के साथ-साथ पुलिस मुख्यालय और जिलों से हरियाणा पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
ओपी सिंह द्वारा बताया गया कि राज्य में अपराध और आपराधिक नेटवर्क और प्रणालियों (सी.सी.टी.एन.एस.) को एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (आईआरएडी) के साथ एकीकृत किया जाएगा जो राज्य में सड़कों पर ज्यादा दुर्घटना वाले स्पॉट्स को पहचानने में मदद करेगा। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करके नागरिकों के जीवन को बचाने के लिए तदनुसार एहतियाती उपाय किए जाएंगे।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने हाल ही में वित्तीय धोखाधड़ी/घोटालों का शिकार हुए नागरिकों की मदद के लिए स्थापित हेल्पलाइन 1930 पर प्रतिक्रिया के संबंध में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा तैयार प्रगति डैशबोर्ड में एक नया पैरामीटर जोड़ा है। सीसीटीएनएस प्रगति डैशबोर्ड के सभी मापदंडों में 99.98% स्कोर करते हुए गुजरात के बाद राज्य अब देश में दूसरे नंबर पर है, जिसकी प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा लगातार निगरानी की जाती है।
निदेशक, राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, हरियाणा द्वारा यह भी बताया गया कि हरियाणा पुलिस द्वारा आपराधिक मामलों की जांच की निगरानी और अपराधों को कम करने के लिए अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सी.सी.टी.एन.एस.) में उपलब्ध डेटा का उपयोग करके राज्य में विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस आयुक्तालय, फरीदाबाद विकास अरोड़ा की अध्यक्षता में ग्यारह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक समिति द्वारा इस उद्देश्य के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। । यहां यह भी उल्लेख करना उचित होगा कि राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को दो महीने पहले ही राज्य में सीसीटीएनएस और इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) के कार्यान्वयन के लिए नोडल यूनिट के रूप में जिम्मेदारी मिली है।
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