यह निर्देश आज यहां मुख्य सचिव ने सभी शहरोें में पुख्ता निगरानी प्रक्रिया को स्थापित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने की योजना के संबंध में आयोजित बैठक में दिये। इस दौरान गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल, गुरुग्राम के जिला उपायुक्त भी विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक में जुडे।
मुख्य सचिव ने इन तीनों शहरों में राष्ट्रीय राजमार्ग पर भीड़ प्रबंधन और निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करने तथा इन कैमरों को एकीकृत निगरानी प्रणाली से जोड़ने के निर्देश दिए। इसके अलावा, पब्लिक एड्रेस सिस्टम को मार्किट क्षेत्र में स्थापित करने व पैनिक बटन की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी शहरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने व इंटीग्रेटिड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर की स्थापना के लिए गुरुग्राम, फरीदाबाद तथा करनाल में लागू की जा रही विभिन्न स्मार्ट पहलों का अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार किया जाये। इसके अलावा, चंडीगढ़ मॉडल का भी अध्ययन किया जाए। इस प्रस्ताव के प्रारूप को आमजन से प्रतिक्रिया लेने के लिए पब्लिक डोमेन में भी डाला जाये।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए), फरीदाबाद स्मार्ट सिटी, करनाल स्मार्ट सिटी में जिला पुलिस प्रशासन इस प्रणाली का भरपूर सदुपयोग कर रहा है, लेकिन अन्य विभाग भी इस प्रणाली से अपने कार्यालयों को जोड़कर विभाग से संबंधित कार्यों की बेहत्तर निगरानी करें।
बैठक के दौरान, गुरुग्राम महानगरीय विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि जीएमडीए के क्षेत्र में पहले चरण में एक समग्र और एकीकृत वीडियो निगरानी प्रणाली लागू की गई है, जिसके तहत 222 स्थानों पर लगभग 1200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से मुख्य सड़कों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा और निगरानी रखी जा रही है।
बैठक के दौरान पुलिस विभाग, गुरूग्राम, फरीदाबाद व करनाल तथा चण्डीगढ में लागू किए जा रहे स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम से संबंधित र्प्रस्तुतिकरण दिया गया, जिसमें इन शहरों में इंटीग्रेटिड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न बेस्ट प्रैक्टिक्स की जानकारी दी गई।
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