चंडीगढ़- कोई सत्ताधारी नेता अगर किसी बैठक में भाग ले रहा होता है और अगर बैठक में बिजली चली गई तो कई बार देखा गया है कि नेता जी दो मिनट गर्मी या अँधेरा बर्दाश्त नहीं करते और सम्बंधित अधिकारियों पर तुरंत गाज गिरा देते है जबकि ये नेता लोग चुनावों के समय में गरीबों के घर जाकर भोजन करने का ढोंग करते हैं, पैदल चलते हैं, गर्मी सर्दी नहीं देखते। सत्ता मिलती है तो ये आसमान पर बैठ जाते हैं और गरीबों को भूल जाते हैं। हरियाणा में कई दिनों से थारा फूफा ज़िंदा है की चर्चाएं हैं। मामले को उठाने वाले प्रदेश के समाजसेवी नवीन जयहिंद के चर्चे देश भर में हैं। सभी बड़े अखबारों, न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर रोजाना उतनी खबरें इस मामले को लेकर छप रहीं हैं जितनी कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की नहीं छप रहीं हैं।
थारा फूफा ज़िंदा है लगभग हर गांव की कहानी है और सत्य पर आधारित है। दिव्यांग, बुजुर्ग, विधवाएं कई महीने से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं और कागजों में इन्हे मृत साबित कर इनकी पेंशन काट दी गई है। संख्या हजारों में है। सैकड़ों ऐसे दिव्यांगों को 100 फीसदी फ़िट बताया गया है जो बेचारे अपने पैरों पर चल नहीं सकते,सैकड़ों विधवाओं की पेंशन काट उन्हें कहा जा रहा है कि आपके पतिदेव जिन्दा हैं जबकि सच ये है कि इनके पति इस दुनिया में नहीं हैं। हजारों बुजर्गों को मृत साबित कर दिया गया है जबकि सब जिन्दा हैं। सत्ताधारी एक मिनट की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकते जबकि ये बेचारे बुजुर्ग जिनमे कई 100 साल की उम्र के आस-पास या इसके ऊपर हैं ये दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं जिसे देख लगता है कि हरियाणा के कई विभागों का सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। सरकार के बस में कुछ नहीं है।
प्रदेश में सरकार और सिस्टम सिर्फ नाम की रह गई है। प्रदेश में अन्य राज्यों से ज्यादा घोटाले और देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी, प्रदेश की सैकड़ों सड़कें चार साल में भी दो किलोमीटर तक नहीं बन सकीं हैं। किसानों का बुरा हाल है ,बेरोजगारी के कारण जवानो का हाल भी ऐसा ही है। सरकार अपनी पीठ खुद थपथपाती है और अधिकतर अधिकारी अपनी मस्ती में मस्त हैं।
ध्वस्त होते जा रहे सिस्टम पर नवीन जयहिंद ने सही समय पर प्रहार किया है। पूरे देश में उनके चर्चे हो रहे हैं क्यू कि कई अन्य राज्यों में भी हरियाणा जैसा ही खेल जारी है। अब प्रदेश के अन्य मामले भी उनके पास पहुँचने लगे हैं जैसे कि ये स्क्रीन शॉट देखें, खबर जारी है।
एक बड़ी जानकारी के मुताबिक़ हरियाणा की सीएम विंडो फेल होती जा रही है। कुछ अधिकारी यहाँ भी गड़बड़झाला कर रहे हैं। शिकायतकर्ता से मिले बगैर उसके हस्ताक्षर हो जाते हैं और मामला रफा दफा कर दिया जाता है। सीएमओ के ट्विटर पेज पर लोग अपनी परेशानी बताने हैं तो एक लाख में से एक व्यक्ति की ही शिकायत पर कोई प्रतिक्रिया आती है जबकि अधिकारी अपनी पीठ थपथपाते हुए बड़े-बड़े झूंठे दावे करते हैं और हरियाणा के मुख्य्मंत्री को गुमराह करते हैं।
आने वाले समय में नवीन जयहिंद कई अन्य मुद्दों के साथ दिख सकते हैं और उनके अभियान से प्रदेश के लाखों लोगों को फायदा मिल सकता है क्यू कि देश प्रदेश में मिशन 2024 की तैयारी चल रही है और जनता को ऐसे समय में सत्ताधारी शायद ही नाराज करेंगे।
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