नई दिल्ली- देश की राजनीति आने वाले कुछ महीनो में अलग करवट ले सकती है। जल्द कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और अब कई पार्टियों ने जनता को रेवड़ियों का लालच देना शुरू कर दिया है। कल दिल्ली के रामलीला मैदान पर कांग्रेस की हल्ला बोल रैली सफल रही और लाखों लोग रैली में पहुंचे और अब कांग्रेस 7 सितम्बर से भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर रही है जो लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा। 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से होकर गुजरने वाली यह यात्रा हरियाणा में अगले साल जनवरी के अंत में पहुंचेगी लेकिन हरियाणा कांग्रेस इस यात्रा को सफल बनाने में आज से जुट गई है।
दिल्ली की हल्ला बोल रैली में हरियाणा से सबसे ज्यादा भीड़ पहुँची थी और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और राज्य सभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा इस रैली के लिए दो हफ्ते से बड़ी तैयारी कर रहे थे। कल दोपहर हुड्डा के समर्थक निराश भी हुए जब राहुल गांधी ने मंच से हुड्डा का नाम तक नहीं लिया और कई समर्थक तो राहुल गांधी को ही सोशल मीडिया पर घेरने लगे, हुड्डा के एक दो नहीं सैकड़ों ऐसे समर्थक थे जो कई-कई लाख रूपये खर्च कर रैली में भीड़ लेकर गए थे। आजकल दिल्ली एक बस भरकर ले जाने में अगर दूरी 40 किलोमीटर हुई तब भी कम से कम 10 हजार रूपये लगते हैं, हुड्डा के तमाम समर्थक 25 से ज्यादा बसें और सैकड़ों छोटे वाहन लेकर पहुंचे थे। दोपहर के भोजन का भी इंतजाम रैली में जाने वालों के लिए किया गया था। मंहगाई के इस जमाने में इन सब चीजों में पैसा लगता है। समझदार लोग समझ सकते हैं।
हल्ला बोल रैली सफल रही जिस कारण हुड्डा के तमाम समर्थक खुश भी हुए। अब पूर्व सीएम हुड्डा ने भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक़ भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने भरोसेमंद महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दिलवाई और अब ने भारत जोड़ा यात्रा में शामिल होने के लिए जिला स्तर पर कम से कम सौ-सौ युवाओं की टीम तैयार की गई है।
बात करें हल्ला बोल रैली की तो हुड्डा ने कल कांग्रेस हाईकमान को अपनी ताकत का अहसास करवाया जिसके चर्चे अब होने लगे हैं। राहुल ने हुड्डा का नाम नहीं लिया जिससे हुड्डा के कुछ विरोधी खुश भी हैं लेकिन प्रदेश के एक बड़े कांग्रेसी नेता जो हुड्डा के घोर समर्थक हैं उनका कहना है कि हाथी चलता है तो कु*** भौंकते रहते हैं।हाथी उनकी परवाह नहीं करता और पूर्व सीएम हुड्डा भी ऐसे लोगों की परवाह नहीं करते। वो अपना कर्म कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे और उस नेता ने ये भी दावा किया कि 2024 में हरियाणा में कांग्रेस इतिहास रचेगी और लोकसभा चुनावों में कम से कम 7 सीटें और विधानसभा चुनावों में कम से कम 70 सीटें जीतेगी और भूपेंद्र हुड्डा या उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री बनेंगे। उनका कहना है कि भौंकने वालों का प्रदेश में कोई जनाधार नहीं है। 2019 में अगर इन लोगों ने कुछ विधानसभा सीटों पर अपने समर्थकों के लिए टिकट न माँगी होती और हुड्डा के समर्थक को हर जगह टिकट मिलती तो उसी साल कांग्रेस 50 पार जाती।
उन्होंने कहा कि हाल में भूपेंद्र हुड्डा गुलाम नबी आजाद से मिले तो प्रदेश के कुछ नेता सवाल उठाने लगे। उन्हें मालुम हो कि जब कोई अपना अचानक घर छोड़ता है तो घर के अन्य सदस्य का फर्ज बनता है कि उससे पूंछे कि आपने ऐसा क्यू किया। आजाद जी-23 में थे और अचानक उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया इसलिए हुड्डा साहब उनसे पूंछने गए थे कि आपने ऐसा क्यू किया। आज टीवी डिबेट में एक कांग्रेसी नेता का दावा है कि आजाद ने कांग्रेस इस लिए छोड़ा कि उन पर ईडी और सीबीआई छोड़ने का प्लान था और डिबेट में ये बात कहने वाले नेता ने कहा कि आजाद ने खुद हुड्डा को ये बताया है। अब सच क्या है ये तो बाद में पता चलेगा लेकिन देश का माहौल देख लग रहा है कि अब आने वाले समय में राजनीति कई तरह की करवट लेगी और आजादी के बाद 2023 के लिए खास होगा और 2024 के चुनाव में बहुत कुछ अलग देखने को मिलेगा।
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