फरीदाबाद: डीसीपी क्राइम मुकेश कुमार मल्होत्रा के दिशा निर्देश तथा एसीपी क्राइम सुरेंद्र श्योराण के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए क्राइम ब्रांच 30 प्रभारी सेठी मलिक की टीम ने 20 लाख की फिरौती के मुकदमे में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम श्यामवीर है जो पलवल जिले के अलावलपुर गांव का रहने वाला है। आरोपी डाक विभाग में सरकारी कर्मचारी है और फरीदाबाद में कार्यरत है। मार्च 2022 में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के रहने वाले देवेंद्र कुमार को डाक द्वारा पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आरोपी ने अपने आपको आपराधिक गैंग का सदस्य बताते हुए पीड़ित से 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी। आरोपी ने पीड़ित से फिरौती की रकम स्पीड पोस्ट के माध्यम से अपने घर के पास एक अनाथ आश्रम में भिजवाने की बात लिखी और फिरौती न देने पर पीड़ित के परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी।
पीड़ित ने पत्र मिलने के पश्चात इसकी शिकायत पुलिस थाना मुजेसर में दी जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया करके मामले की जांच शुरू की। जब देवेंद्र कुमार ने फिरौती नहीं दी तो 29 जुलाई को आरोपी ने इस बार स्पीड पोस्ट के माध्यम से पीड़ित को दोबारा एक पत्र भेजा जिसमें उसने फिर से फिरौती की मांग की तथा फिरौती न देने की सूरत में फिर से धमकी दी गई। पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस को दी। क्राइम ब्रांच 30 की टीम ने इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए इस बार स्पीड पोस्ट से प्राप्त हुए पत्र को ट्रैक करते हुए आरोपी श्यामवीर को पलवल से गिरफ्तार कर लिया। मामले में जनता से पूछताछ करने के लिए आरोपी को अदालत में पेश करके 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी 12वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है और वर्ष 2004 में एमटीएस के पद पर भर्ती हुआ था और फिलहाल सेक्टर 22 डाकघर में तैनात था। इससे पहले आरोपी जब प्रेस कॉलोनी स्थित डाकघर में तैनात था उस समय पीड़ित देवेंद्र ने उसी डाकघर में बहुत बड़ी रकम की एफडी करवाई थी।
आरोपी ने सोचा कि देवेंद्र ने जब इतनी बड़ी एफडी करवाई है तो उसके पास बहुत सारे पैसे होंगे। आरोपी के सिर पर काफी कर्जा था और उसे पैसों की आवश्यकता थी इसलिए आरोपी को लालच आ गया और उसने पीड़ित से पैसे ऐंठने का तरीका ढूंढने लगा। आरोपी ने इसके लिए यूट्यूब पर सर्च किया और पीड़ित के घर का पता निकलवाकर डाकघर से ही देवेंद्र को एक पत्र भेजा और उसमें अपने आपको आपराधिक गैंग का सदस्य बताते हुए उससे फिरौती मांगी थी। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपी को अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेज दिया गया है।
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