मीटिंग में जिला खनन अधिकारी बलराम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यमुना क्षेत्र में एनजीटी के आदेशानुसार खनन कार्य पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा यमुना क्षेत्र व बंद पड़े पहाड़ों का समय-समय पर मौके पर निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद जिला में 182 स्टोन क्रेशर हं जो पाली, मोहब्ताबाद व धौज में हैं। उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार दिल्ली सीमा से पांच किलोमीटर के दायरे में खनन कार्य पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा होने के कारण 95 स्टोन क्रेशर बंद हो चुके हैं।
मौजूदा समय में जिला में 87 स्टोन क्रेशर चालू हालत में हैं। इन स्टोन क्रैशरों पर राजस्थान व हरियाणा के नारनौल व भिवानी से पत्थर लाकर क्रैशरों को चलाते हैं। उन्होंने बताया कि जिला फरीदाबाद में 31 अगस्त 2019 से 30 अगस्त 2022 तक विभिन्न थानों, चौकियों में 33 मुकद्दमें दर्ज करवाए गए हैं और 549 वाहनों को अवैध खनन परिवहन करते हुए पकड़ा व 360 वाहनों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि व खनिज की रॉयल्टी व जुर्माना राशि के रूप में उनसे आठ करोड़ 13 लाख 36 हजार 648 रुपये जुर्माने की वसूली की गई है।
इस पर उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला में खनन गतिविधियों को लेकर पूर्णतः सतर्कता बरती जाए। इसके साथ ही अवैध रूप से ओवरलोडिंग को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए। मीटिंग में डीएफओ राजकुमार, डीसीपी नरेंद्र कादियान, एसडीएम परमजीत सिंह चहल, सीटीएम नसीब कुमार, डीटीओ जितेंद्र गहलावत, जिला खनन अधिकारी बलराम सिंह, आरओ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सुमिता कनौडिया सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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