चण्डीगढ़, 5 अगस्त- हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने आज बरवाला, पंचकूला में एक नकली दवाईयों की फैक्ट्री का भंडाफोड किया और यह फैक्ट्री दिल्ली के बवाना से भी नकली दवाईयों की आपूर्ति किया करती थी। अंदेशा है कि यह राष्ट्रीय स्तर का नकली दवाईयों का एक बडा रैकेट है और इस पर अभी कार्रवाई जारी है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एफडीए के एक प्रवक्ता ने बताया कि विभाग के अधिकारियों को सूचना मिली कि गांव चांदपुर, जिला ऊना, हिमाचल प्रदेश की एक फैक्ट्री के नकली उत्पाद कोई बनाकर बेच रहा है। इस सूचना के आधार पर एफडीए की सहायक राज्य औषधि नियंत्रक रिपन मेहता की अगुवाई में एक टीम का गठन किया गया जिसमें वरिष्ठ औषधि नियंत्रण अधिकारी, अंबाला सुनील दहिया एवं औषधि नियंत्रण अधिकारी पंचकूला को शामिल किया गया।
उन्होंने बताया कि सूचना के आधार पर टीम इण्डस्ट्रीयल एरिया, प्लाट नंबर 102, अलीपुर, बरवाला, पंचकूला पर स्थित क्यूबिक लाईट साइंस प्रा. लि. पर पहंुची। तलाशी के दौरान टीम ने 320ग्100 टेबलेट, जिसका ब्रांड नाम के2एआईआई है और उसमें कैलशियम सिटरेट, विटामिन के-27, जिंक तथा मैगिनशियम नामक सक्रिय तत्व होने का लेवल लगा है। इस दवा की कीमत 5,69,940 रूपए आंकी गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस दवा पर निर्माता का नाम रिलीव फार्मास्युटिकल्स, खसरा नंः 2023/1, गांव चांदपुर, जिला ऊना, हिमाचल प्रदेश लिखा है। रिलीव फार्मा के नकली माल की खेप बवाना, दिल्ली से आई बताई गई है और इसको बेचने वाले का पता सी- 137, सैक्टर-1, डीएसआईडीसी, बवाना, दिल्ली-110039 बताया गया है और इसका बिल भी टीम के हाथ लगा है।
उन्होंने बताया कि रिलीव फार्मा चांदपुर, ऊना, हिमाचल प्रदेश के पार्टनर सुकेश चंद्र ने एफडीए टीम को बताया कि उसकी कोई फैक्ट्री या ऑफिस बवाना, दिल्ली में नहीं है। टीम ने मौके से उपरोक्त दवा का नमूना जांच हेतु भर लिया और बाकी शेष माल फर्द बनाकर अपने कब्जे में लेकर कानूनी कार्यवाही हेतु जब्त कर लिया है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस सारे मामले की जानकारी दिल्ली ड्रग्स विभाग को दे दी गई है, ताकि सारे रैकेट का भंडाफोड़ हो सके। नकली दवा बनाने व बेचने के जुर्म की सजा सात साल का कारावास और जब्त दवा की कीमत से 3 गुणा जुर्माना है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों में विभाग द्वारा पकड़ी गई नकली कॉस्मेटिक तथा दवाएं बनाने वाली 5वीं फैक्ट्री है।
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