फरीदाबाद 24 अगस्त। उद्योगों को जहां अपनी गुणवक्ता पर ध्यान देना चाहिए वहीं साथ- साथ उद्योगों को पर्यावरण के प्रति भी ध्यान देना चाहिए। ZED सर्टिफिकेशन योजना का उद्देश्य न केवल वेस्टेज को कम करते हुए उत्पादकता बढ़ाना है, बल्कि उद्योगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना भी है।
यहां यह उदगार व्यक्त करते हुए प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला ने बताया कि वास्तव में ZED सर्टिफिकेट सरकार की ओर से किसी भी उद्योग के लिए जारी किया जाने वाला सर्वोत्तम सर्टिफिकेट है,
चावला यहां आई एम एस एम ई ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित जैड सर्टिफिकेशन संबंधी जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे।
चावला ने सभी नये एवं पुराने उद्योगों को जैड सर्टिफिकेट प्राप्त करने का आह्वान देते हुए बताया कि इस प्रक्रिया में सरकार की ओर से 5 लाख रूपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है जबकि एमएसएमई ऑफ इंडिया द्वारा पूर्ण सहयोग व समर्थन दिया जा रहा है तथा उन्होंने इस वर्ष IamSMEofIndia दिल्ली एनसीआर में लगभग 2000 लघु एवं माध्यमिक उद्योगों को ZED सर्टिफिकेट दिलवाएगा।
राजीव चावला ने कहा हम सब अपनी सीमाओं में काम कर रहे है जब कभी हमें अपने सीमाओं से परे जाने की चुनौती होती है तो हम सोच में पड़ जाते है कि हम क्या करें लेकिन हमे अपने सीमाओं से परे जाने की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए। ऐसा करने से अगर हम सफल हुए तो हम एक नया मुकाम हासिल करेंगे और अगर हम असफल हुए तो हमें एक नया अनुभव मिलेगा। वैसे ही ZED सर्टिफिकेट परियोजना हमारे उद्योग तथा हमारे पर्यावरण को और बेहतर बनाने की एक चुनौती है और हमें इसे एक चुनौती के तौर पर लेना चाहिए।
जेड सर्टिफिकेशन के संबंध में जानकारी देते हुए विशेषज्ञ डॉ अंशुल ढींगरा ने बताया कि इस परियोजना को अपनाने वाले सूक्ष्म उद्यमों जेडईडी सर्टिफिकेशन लागत पर 80 प्रतिशत, लघु उद्यमों को 60 प्रतिशत और मध्यम उद्यमों में 50 प्रतिशत सब्सिडी सरकार द्वारा प्रदान की जायेगी। महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसएमई तथा पूर्वोत्तर राज्य, हिमालयी इलाकों, नक्सल प्रभावित इलाकों, द्वीपों और आकांक्षी जिलों में स्थित एमएसएमई को 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी।
जागरूकता कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के सदस्यों सहित उद्योग प्रबंधकों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम उपरांत अनेक उद्योग ने जैड सर्टिफिकेशन संबंधी पंजीकरण भी करवाया।
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