फरीदाबाद। कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने अरावली में खनन कार्य की अनुमति देने की मांग उठाई है। नीरज ने नूंह की घटना के परिदृश्य में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अवैध रोकने के लिए वैध खनन जरूरी है। उन्होंने इसके लिए 27 फरवरी 2021 को भी एक प्रश्न विधानसभा के बजट सत्र में पूछा था। नीरज का कहना है कि अरावली में 2002 से 2009 के बीच एक साथ खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध संबंधी फैसले की भी व्याख्या नहीं की। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अवैध खनन से घायल अरावली का पुनर्वास करने के बाद खनन कार्य की अनुमति मिल सकती है।
विधायक नीरज शर्मा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल एम्पावर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रतिबंध लगाया क्योंकि सरकार ने अरावली का पुनर्वास नहीं किया। इससे इस कार्य में लगे एक लाख लोग बेरोजगार हो गए। चूंकि नूंह जिला के बराबर राजस्थान की अरावली में खनन कार्य खुला था, इसलिए कुछ लोग वहां जाकर रोजगार करने लगे मगर ज्यादातर बेरोजगार अरावली में ही छुटपुट खनन कार्य करने लगे।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि उनके एनआइटी विधानसभा क्षेत्र में ही अरावली की सिरोही-खोरी खान हैं और इसी क्षेत्र में एशिया के सबसे बड़े क्रशर जोन पाली-मोहब्बताबाद और धौज हैं। राजस्थान में लगती अरावली से खनन वैध और बराबर में नूंह की अरावली में खनन वैध को व्यावहारिक नहीं माना जा सकता। सरकार को सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए पैरवी करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मुद्दे पर आश्वस्त किया कि नूंह की घटना के बाद बिना नंबर के डंपर और ट्रकों को बंद किया जाएगा मगर सुप्रीम कोर्ट में सरकार गैर वन क्षेत्र के पहाड़ में खनन कार्य करने की अनुमति की मांग करेगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र ही सरकार की तरफ से याचिका दायर होगी।
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