चंडीगढ़- हरियाणा के कांग्रेसी विधायक कुलदीप बिश्नोई ने आज कांग्रेस छोड़ दिया और कल भाजपा में शामिल हो जाएंगे। उनके इस कदम से उनके तमाम समर्थक खुश दिख रहे हैं लेकिन उनके समर्थकों से ज्यादा हुड्डा गुट के नेता और कार्यकर्ता खुश हैं। हुड्डा के समर्थकों का कहना है कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पैर से एक कांटा आसानी से अपने आप बिना चिमटी की निकल गया और अब हुड्डा और रफ़्तार से दौड़ सकेंगे। आपको बता दें कि लगभग तीन दशक पहले गांवों में कीकड़ के पेड़ होते थे जो अब भी हैं और गांव के लोग जब खेत खलिहान में अपने पशुओं को घुमाने ले जाते थे और उस समय मजबूत जूते चप्पल नहीं होते थे तब ग्रामीणों के पैरों में कीकड़ जिसे बबूल भी कहा जाता है उसका काँटा चुभ जाता था जो पैरों से या तो किसी लोहे की चिमटी से निकला जाता था या कांटे से भी निकाल दिया जाता था। वर्तमान युग में युवा शायद ही ऐसे कांटे के बारे में जानते हों।
अब बात करते हैं हुड्डा और कुलदीप बिश्नोई की तो आज से ही कुलदीप बिश्नोई के समर्थक उन्हें भावी सीएम बताने लगे हैं, कल कुलदीप भाजपा में जा रहे हैं और उनके समर्थक ऐसे ही उन्हें भावी सीएम बताते रहे तो कुलदीप भाजपा के कई नेताओं की आँख के किरकिरी भी बनेंगे क्यू कि मनोहर लाल अभी सीएम हैं और तीसरी बार भी सीएम बनने का प्रयास करेंगे, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत का भी बड़ा सपना है और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह का सपना भी बड़ा ही है ऐसे में कुलदीप बिश्नोई का नंबर शायद ही जल्द आये। कहा ये भी जा रहा है कि जल्द राजस्थान में विधानसभा चुनाव होंगे और कुलदीप बिश्नोई को भाजपा में लाने का मकसद है कि राजस्थान की कुछ सीटें जीत ली जाएँ जहाँ बिश्नोई समाज का प्रभाव है।
अब आदमपुर में उप चुनाव होंगे और संभवतः कुलदीप बिश्नोई वहां से अपने सुपुत्र भव्य बिश्नोई को मैदान में उतारें लेकिन वहां से पिछले चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी रहीं सोनाली फोगट भी भव्य का नुकशान कर सकती हैं। वो नहीं चाहतीं हैं कि भाजपा वहां से भव्य को मैदान में उतारे।
कहा ये भी जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई से आसानी से कोई कार्यकर्ता नहीं मिल सकता है। वो अपने को बड़ा वाला राजा समझते हैं और विधायक रहते हुए वो विधानसभा सत्र में भी बहुत कम पहुँचते थे क्यू कि उन्हें नीचे वाली कुर्सी पसंद नहीं है। अब भाजपा उन्हें कौन सी कुर्सी देती है ये तो वक्त बताएगा। थोड़ी गलती राहुल गांधी ने भी राज्य सभा चुनावों से पहले उन्हें मिलने का समय नहीं दिया लेकिन कहा जा रहा है राहुल गांधी ने ये गलती जानबूझकर की क्यू कि वो कुलदीप बिश्नोई को समझ चुके थे। कुलदीप बिश्नोई की बात करें तो पिछले लगभग 6 साल से वो पुरानी तस्वीरें ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं जब उन्होंने एक रथ यात्रा निकाली थी और एक रैली की थी। नया उनके पास कुछ नहीं है।
कहा जा रहा है कि हुड्डा के पैर में अभी एक दो कांटे और हैं लेकिन छोटे है आसानी से वो भी निकल जाएंगे क्यू कि उन नेताओं के पास कोई जनाधार नहीं है। कई तो विधानसभा चुनाव तक हार चुके हैं। कुछ और नेता है जिन्हे हरियाणा कांग्रेस इसी महीने मना लेगी और कुलदीप बिश्नोई को आइना दिखाएगी।
2019 से ही हुड्डा 29-30 विधायकों को लेकर मैदान में हैं जबकि अन्य नेताओं के साथ दो-चार विधायक भी नहीं दिखते ऐसे में बहुत कुछ सोंचकर कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा को फ्री हैण्ड किया जो उनके विरोधी और कमजोर नेता पचा नहीं पा रहे हैं।
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