फरीदाबाद 19 अगस्त। आज़ादी का अमृत महोत्सव मानने के लिए हमने जिस प्रकार अपने घरों और कारखानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और स्वयं को गर्वित महसूस किया, उसी प्रकार हमें अपने व्यापार व संस्थान के लिए "जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट" सर्टिफिकेट (ZED Certificate) प्राप्त कर अपने संस्थान को भी गौरवान्वित करना चाहिए। ZED सर्टिफिकेशन योजना का उद्देश्य न केवल वेस्टेज को कम करते हुए उत्पादकता बढ़ाना है, बल्कि उद्योगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना भी है।
यहां यह उदगार व्यक्त करते हुए प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने बताया कि जैड सर्टिफिकेशन वास्तव में सरकार की ओर से किसी भी उद्योग के लिए जारी किया जाने वाला सर्वोत्तम सर्टिफिकेट है, जो उद्योग को नए आयाम प्रदान करता है व पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में भी सहायक है।
श्री चावला यहां आई एम एस एम ई ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित जैड सर्टिफिकेशन संबंधी जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे।
श्री चावला ने सभी नये एवं पुराने उद्योगों को जैड सर्टिफिकेट प्राप्त करने का आह्वान देते हुए बताया कि इस प्रक्रिया में सरकार की ओर से 5 लाख रूपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है जबकि एमएसएमई ऑफ इंडिया द्वारा पूर्ण सहयोग व समर्थन दिया जा रहा है।
जेड सर्टिफिकेशन के संबंध में जानकारी देते हुए विशेषज्ञ डॉ अंशुल ढींगरा ने बताया कि इस परियोजना को अपनाने वाले सूक्ष्म उद्यमों जेडईडी सर्टिफिकेशन लागत पर 80 प्रतिशत, लघु उद्यमों को 60 प्रतिशत और मध्यम उद्यमों में 50 प्रतिशत सब्सिडी सरकार द्वारा प्रदान की जायेगी। महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसएमई तथा पूर्वोत्तर राज्य, हिमालयी इलाकों, नक्सल प्रभावित इलाकों, द्वीपों और आकांक्षी जिलों में स्थित एमएसएमई को 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी।
जागरूकता कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के सदस्यों सहित उद्योग प्रबंधकों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम उपरांत अनेक उद्योग ने जैड सर्टिफिकेशन संबंधी पंजीकरण भी करवाया।
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