हरियाणा: दिनांक 28 जुलाई, पलवल पुलिस की जारी दमदार एवं उत्कृष्ट पैरवी ने घर में घुसकर नाबालिग पीड़िता साथ दुष्कर्म करने पर जान से मारने की धमकी मामले में आरोपी को कठोरतम सजा दिलाने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल आईपीएस द्वारा जिला पलवल के सभी प्रबंधक थाना, चौकी इंचार्ज व अनुसंधानकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए हैं कि महिला विरुद्ध अपराध व पोस्को एक्ट के तहत शिकायत का बिना किसी विलंब के शिकायत के आधार पर अभियोग अंकित करें साथ ही महत्वपूर्ण साक्ष्य व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर प्रभावी पुलिस कार्यवाही करते हुए माननीय न्यायालय में आरोपियों को दंड व पीड़ित को न्याय दिलाने का कार्य करें।
इन निर्देशों की पालना के परिणाम स्वरूप पलवल पुलिस द्वारा की गई दमदार एवं उत्कृष्ट पैरवी पर अनुसूचित नाबालिग पीड़िता के साथ बलात्कार मामले में आरोपी सद्दाम पुत्र जब्बार निवासी नगला एहसानपूर जिला पलवल को महेश कुमार स्पेशल कोर्ट/अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट, पोस्को पलवल की कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आज दिनांक 28 जुलाई 2022 को 04 पोस्को एक्ट के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा व ₹ 50,000 जुर्माने एवं आईपीसी की धारा 457 पार्ट 1 के तहत 3 वर्ष कठोर कारावास एवं ₹2000 जुर्माना भरने एवं आईपीसी की धारा 506 के तहत 2 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि नहीं भरने पर आरोपी को 1 साल व एक महीना अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।
मामले के अनुसार 4 अगस्त 2020 16 वर्षीय नाबालिग पीड़िता ने महिला थाना पलवल पुलिस को एक शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें आरोपी के द्वारा नाबालिग को घर में घुस कर उसके गुप्तांगों से छेड़छाड़ व जबरन दुष्कर्म करने एवं जान से मारने की धमकी के आरोप थे यही नहीं पीड़िता के पिता द्वारा आरोपी यान को उलहाना देने पर उनके साथ भी मारपीट के आरोप लगे थे। इस संबंध में महिला जिला पलवल पुलिस ने अभिलंब अभियोग संख्या 49/2020 धारा 376,450,323,354A, 506 आईपीसी व 4 पोक्सो एक्ट के तहत पंजीबद्ध किया था। मामले की सुनवाई माननीय न्यायालय में हुई। सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने मामले को बहुत ही संगीन माना और दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरती।
मामले में पलवल पुलिस के द्वारा बिना किसी विलंब के अभियोग अंकित किए गए। इसके बाद नाबालिग पीड़िता के माननीय मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए गए तथा जांच इकाई के द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्यों का आकलन कर अभियोग में प्रभावी कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के सम्मुख पेश किया गया था। जो माननीय न्यायालय ने अभियोग में सुनवाई करते हुए आरोपी को उक्त मामले में उपरोक्त सजा के सादर आदेश किए हैं।
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