मुख्य सचिव आज यहां राज्य स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने और पूर्ण रूप से खत्म करने के लिए गठित दूसरी स्पेशल टॉस्क फोर्स कमेटी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। एसीएस अशोक खेमका सहित सभी जिलों के उपायुक्त एवं नगर निगमों के आयुक्त इस बैठक में वीसी के माध्यम से जुड़े और उन्होंने अपने सुझाव भी दिए।
जिला व नगर निगम प्लास्टिक युनिटों पर लगाए अंकुश
मुख्य सचिव ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक को बनाना बंद करने के लिए जिला स्तर पर प्लास्टिक बनाने वाली यूनिटों की पहचान की जाए। इसके अलावा थोक व्यापारियों व रिटेलर पर अंकुश लगाया जाए। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले प्लास्टिक को भी सख्ती से रोका जाए। व्यापारी एसोसिएशनों व दूकानदारों के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाया जाएं।
प्लास्टिक की रिसाईकलिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर यूनिटों पर सबसिडी
कौशल ने कहा कि पोलिथीन का दुष्प्रभाव पड़ता है। नॉन बायोडिग्रेबल प्लास्टिक सभी स्थानों पर गंदगी फैलाता है। यह जमीन में दबाने पर भी नहीं गलता। सरकार ने मैन्यूफैक्चरिंग, भण्डारण व बिक्री आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पोलिसी के तहत वैकल्पिक साधनों का प्रयोग करने वाली प्लास्टिक की रिसाईकलिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर यूनिटें लगाई जाएंगी उनके लिए सब्सिडी का प्रावधान किया जाएगा।
जिला व नगर निगम स्तर पर टास्क फोर्स कमेटियां गठित
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य स्तर पर स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसके अलावा जिला स्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स तथा नगर निगम आयुक्तों की अध्यक्षता में सिटी लेवल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा दूसरे विभागों के सहयोग से प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है।
सिटीजन मोबाईल एप फॉर कम्पलेंट सिस्टम लांच
कौशल ने कहा कि शहरी नागरिकों की शिकायत दर्ज करने के लिए सिटीजन मोबाईल एप फॉर कम्पलेंट मैनेजमेंट सिस्टम लांच किया गया है। इसके माध्यम से कोई भी नागरिक प्लास्टिक के बारे में ऑनलाईन शिकायत दर्ज करवा सकते है। नागरिक इस मोबाईल एप को अपलोड करके शहरों में प्लास्टिक वेस्ट को जलाने, प्लास्टिक कचरा पड़ा होने, निर्माण, वितरण, स्टॉक, सेल एवं उपयोग आदि की शिकायतें दर्ज करवा सकतें है।
अभियान के तहत चालान करके 43 लाख 20 हजार 250 रुपए जुर्मान/ वसूल
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश भर में चलाए जा रहे अभियान के तहत जुलाई माह के दौरान 3904 चालान करके उनसे 43 लाख 20 हजार 250 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूली गई है।
बैठक में प्रधान सचिव शहरी स्थानीय निकाय अरूण कुमार, प्रधान सचिव विजेन्द्र कुमार, निदेशक डी के बेहरा, अंशज सिंह, निदेशक विकास एवं पंचायत धीरेन्द्र खडगटा, पर्यावरण विभाग के सदस्य सचिव एस नारायण सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
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