हरियाणा: पलवल, 13 जुलाई। जिला क्षेत्र में कांवड़ शिविर लगाने के लिए संबंधित एसडीएम की अनुमति लेनी अनिवार्य है। कांवड़ शिविरों के बीच में कम से कम 02 किलोमीटर की दूरी होनी जरूरी है। उपायुक्त कृष्ण कुमार ने यह दिशा-निर्देश जिला सचिवालय के सभागार में बुधवार को कांवड़ के संबंध में आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की बुलाई बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि कांवड़ शिविर को मुख्य सडक़ मार्ग से कम से कम 100 फुट की दूरी पर स्थापित किया जाए, ताकि सडक़ मार्ग पर यातायात सुचारू बना रहे और किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की संभावना न रहे। शिविर में गैर कानूनी तौर पर बिजली की सप्लाई न ली जाए। कांवडिय़ों को फ्लाईओवर के ऊपर से गुजरने की अनुमति न दी जाए। इसके लिए साइन बोर्ड लगाकर तथा पुलिसकर्मी की तैनाती सुनिश्चित की जाए। कोई भी शिविर सडक़ मार्ग के किनारे तथा फ्लाईओवर के नीचे स्थापित न किए जाएं। कांवड़ लाने के लिए जाने वाले श्रृद्धालु उत्तराखंड सरकार के वैबपोर्टल https://policecitizenportal.uk.gov.in/kavad पर अपना पंजीकरण ऑनलाइन करवा सकते हैें।
उपायुक्त कृष्ण कुमार ने श्रावण मास-जुलाई 2022 विशेष कांवड शिविर स्थापित करने, कावडिय़ों को सुविधाएं प्रदान करने, कांवड शिविरों की स्थापना एवं कावडिय़ों के आने के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अन्य स्थानों पर यातायात को सामान्य बनाए रखने के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पलवल जिला क्षेत्र में कांवड़ शिविर लगाने के लिए संबंधित उपमण्डलों के उपमण्डल अधिकारी (ना.) से अनुमति लेना अनिवार्य है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेशानुसार दिल्ली-मथुरा सडक़ मार्ग पर मथुरा की तरफ केवल बांए ओर मुख्य सडक़ मार्ग से कम से कम 100 फुट की दूरी पर कांवड़ शिविर स्थापित किए जा सकते हैं। कांवड़ रखने का स्थान कांवड़ शिविर की पीछे की तरफ स्थापित किया जाए। कांवड़ शिविरों के मध्य कम से कम 02 किलोमीटर की दूरी अनिवार्य की गई है।
कांवडिय़ों के आगमन के दृष्टिगत कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपायुक्त द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। ट्रैफिक की अधिकता के मद्देनजर राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर कम से कम कांवड़ शिविर लगाने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं। उपायुक्त ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पलवल को जिला क्षेत्र में आवश्यकता अनुसार एम्बूलैंस का प्रबन्ध रखने के निर्देश दिए हैं। वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यकतानुसार बेरीकेड लगाने के अतिरिक्त सभी चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात करनेे के निर्देश दिए गए हैं। शिविर प्रबंधक यह सुनिश्चित करेंगे कि कांवड़ शिविरों में ऊंची ध्वनि में भडकाऊ व असामाजिक तथा गैर कानूनी गीत-संगीत व प्रचार-प्रसार आदि न चलाया जाए। लाउडस्पीकर को धीमी आवाज में समय सीमा प्रात: 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक चलाने की अनुमति दी गई है और अवहेलना करने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
सभी कांवड़ शिविरों पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। राष्टï्रीय राजमार्ग व स्थानीय मार्गों पर जहां से कांवडिय़ों व श्रृद्धालुओं का आवागमन होगा, उन मार्गों पर पुलिस द्वारा निरंतर रूप से गश्त की जाए, रास्ते में आने वाले सभी ढाबों, पैट्रोल पम्पों की मैपिंग और आस-पास के क्षेत्रों में निगरानी बढाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि का समापन ठीक ढंग से हो सके। रास्ते में आने वाले टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे संचालित अवस्था में होने सुनिश्चित किए जाएं। जिन स्थानों में से यात्री गुजरेंगे वहां पुलिस क्यूआर टीम राउंड द क्लॉक तैनात की जाए। कांवड़ यात्री यदि डी.जे. साथ लेकर बजाते हुए यात्रा करते हैं तो यह सुनिश्चित किया जाए कि डीजे को लेकर किसी प्रकार का कोई तनाज उत्पन्न न होने पाए। पुलिस विभाग द्वारा पलवल जिला क्षेत्र में आने वाले कांवडिय़ों का पंजीकरण करने तथा जिला क्षेत्र से बाहर जाने वाले कांवडिय़ों का ब्यौरा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस संबंध में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की स्थिति उत्पन्न होने पर उनसकी सूचना उच्च अधिकारियों को देना सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम ङ्क्षसह, एसडीएम वैशाली सिंह, डीएसपी विजयपाल, नगर परिषद पलवल के कार्यकारी अधिकारी मनोज यादव, जीएम रोडवेज राजीव नागपाल, बीडीपीओ हसनपुर प्रवीण कुमार, नायब तहसीलदार प्रेम प्रकाश सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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