फरीदाबाद- अरावली का चीर हरण करने वाले खनन माफियाओं के हौंसले अब भी बुलंद हैं। नूह के तावडू में डीएसपी सुरेंद्र सिंह की ह्त्या करने के बाद भी अरावली पर खनन माफिया अवैध खनन जारी रख रहे हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन फरीदाबाद के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने दावा किया कि फरीदाबाद के कोट गांव के पास अरावली के पहाड़ अब भी नष्ट किये जा रहे हैं। भारी मात्रा में वहाँ से मिट्टी और पत्थर निकालकर बेंचे जा रहे हैं।
एडवोकेट पाराशर ने कहा कि इस अवैध खनन के उनके पास तमाम सबूत हैं और यहाँ एक बड़ा पहाड़ खनन माफियाओं का निशाना बन गया और हजारों ट्रक मिट्टी और पत्थर निकालकर करोड़ों का खेल कर दिया गया और वर्तमान में भी यहाँ अवैध खनन जारी है जिसकी तस्वीरें और वीडियो उनके पास मौजूद है। उन्होंने बताया कि रात्रि में 12 बजे से सुबह तक यहाँ से पत्थर भरे जाते हैं और क्रेशर जोनों में ले जाए जाते हैं जबकि मिट्टी दिन में भी ट्रैक्टरों में भरकर ले जाई जाती है।
एडवोकेट पाराशर ने कहा कि मैं लगभग दो साल तक अरावली पर गया और लगातार अवैध खनन की शिकायत करता रहा। कई खनन माफियाओं पर मुकदमा भी दर्ज करवाया और उनके मशीने भी जब्त हुईं लेकिन खनन माफिया तब भी नहीं सुधरे और उनका खेल अब भी जारी है। उन्होंने कहा कि अरावली के नष्ट होने से फरीदाबाद का इसका बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। कई वर्षों से यहाँ मानसून नाम मात्र का आता है। गर्मी में गर्मी और पड़ने लगी है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन किसी न किसी किसी के संरक्षण में हो रहा है और खनन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के बिना ये सब संभव नहीं।
उन्होंने कहा कि मैं सीएम मनोहर लाल, खनन मंत्री मूलचंद शर्मा से अपील करता हूँ कि अरावली का चीर हरण अब रुकवा दें और अवैध खनन करवाने में संलिप्त खनन विभाग के अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई करवाए। उन्होंने कहा कि अगर अब भी अवैध खनन जारी रहा तो वो खुद स्थानीय पुलिस के पास जाकर खनन माफियाओं और संम्बन्धित अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करवाएंगे।
एडवोकेट पाराशर ने बताया कि कोट गांव का पहाड़ ऐतिहासिक पहाड़ है जहां आदि मानव रहने के कई सबूत मिले हैं, कई गुफाएं मिली हैं और आदि मानव के औजार मिले हैं। यही नहीं अफ्रीका के बाद फरीदाबाद के कोट गांव में ही पहाड़ पर आदि मानव का कब्रिस्तान भी मिला है और ग्रामीण इस पहाड़ी क्षेत्र को पर्यटक स्थल घोषित करने की मांग कर रहे हैं और अब यहीं पर खनन माफिया पहाड़ नष्ट कर रहे हैं जो बड़े दुःख की बात है।
Post A Comment:
0 comments: