ट्वीट्स के माध्यम से उक्त जानकारी देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने बताया कि 25 किलोमीटर लंबे इस गुरुग्राम-सोहना हाईवे के खुल जाने से यात्रियों को सुविधा होगी, उनके ईंधन और समय की बचत होगी।
गडकरी ने बताया कि करीब दो हजार करोड़ रुपए की लागत से बने इस 25 किलोमीटर लंबे गुरुग्राम- सोहना राष्ट्रीय राजमार्ग पर 7 किलोमीटर के कुल एलिवेटेड सेक्शन के साथ 6 लेन का एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर विकसित किया गया है। स्थानीय यातायात को सुगम बनाने के लिए राजमार्ग के दोनों ओर तीन तीन लेन की सर्विस रोड बनाई गई हैं। इसके साथ ही राजमार्ग का यह भाग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के माध्यम से दिल्ली और गुड़गांव को भी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
दो भागों में विभाजित था राजमार्ग का निर्माणकार्य
सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि निर्माण को तय समयसीमा में पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट को दो भागों में विभाजित किया गया था। प्रोजेक्ट वन के तहत एक जनवरी 2019 को राजीव चौक से शुरू होकर बादशाहपुर के बीच करीब 8.94 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। तीन एलिवेटेड स्ट्रक्चर तैयार किए गए, जिनकी कुल लंबाई 4.752 किलोमीटर निर्धारित की गई। इस पूरी परियोजना के साथ साथ यह एलिवेटेड स्ट्रक्चर गुरुग्राम जिला में सबसे लम्बा एलिवेटेड रोड होगा। इसके साथ ही प्रोजेक्ट-1 के तहत ही बादशाहपुर में भी 324 मीटर लंबाई का तीसरा एलिवेटेड स्ट्रक्चर तैयार किया गया है।
वहीं 30 जनवरी 2019 को प्रोजेक्ट दो के तहत भोंडसी से शुरू होकर सोहना तक के भाग का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट के 12.718 किलोमीटर के पूरे हिस्से में 1.846 व 1.12 किलोमीटर के दो एलिवेटेड रोड, 1 किलोमीटर की लंबाई के साथ एक फ्लाईओवर सहित दो अंडरपास का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए एक 750 मीटर का लाइट व्हीकल अंडरपास भी बनाया गया है।
इस पूरी परियोजना का निर्माण कार्य 30 महीने में पूरा करने का समय निर्धारित किया गया था। लेकिन कोरोना के दौरान निर्माण कार्य में आई रुकावटों के कारण इसकी समय सीमा 30 जून 2022 तक बढ़ा दी गयी थी।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रोजेक्ट-2 के तहत आने वाले निर्माण क्षेत्र में 24 लेन के टोल प्लाजा का भी निर्माण किया गया है। टोल प्लाजा में दोनों तरफ 12-12 लेन बनाई गई हैं ताकि टोल प्लाजा पर कम से कम समय मे वाहनों की आवाजाही हो सके।
परियोजना के पूर्ण होने से पहले की तुलना में यात्रा का समय 60 मिनट से घटकर अब 15 से 20 मिनट का ही रह जाएगा।
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