फरीदाबाद- डीसीपी एनआईटी नीतीश कुमार अग्रवाल के दिशा निर्देश के तहत कार्य करते हुए साइबर थाना एनआईटी प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत की टीम ने लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले साइबर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करके में सफलता हासिल की है। इस मामले में इनका चौथा साथी फरार चल रहा है जिसकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कामिल अब्बास, रहबर अली तथा मोहम्मद अनीस का नाम शामिल है। आरोपी कामिल दिल्ली के उत्तम नगर, आरोपी रहबर अली उत्तर प्रदेश के बरेली तथा आरोपी मोहम्मद अनीस उत्तराखंड के उधम सिंह नगर का रहने वाला है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आजकल के आधुनिक युग में प्रत्येक व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सामान खरीदकर इसके बिल का भुगतान कुछ दिनों पश्चात कर सकता है इसलिए इसका उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। क्रेडिट कार्ड के फायदों के साथ-साथ इसका बहुत बड़ा नुकसान यह है कि यदि कोई व्यक्ति क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुरा ले तो उसकी सहायता से वह क्रेडिट कार्ड की सारी राशि को हड़प सकता है इसलिए इसकी जागरूकता होना अति आवश्यक है। कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के लोग कॉल स्पूफिंग के जरिए एसबीआई कस्टमर केयर के नंबर से फेक कॉल करके अपने आप को बैंक प्रतिनिधि बताते हुए आमजन को गुमराह करते हैं तथा क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का लालच देकर धोखाधड़ी से पूरी रकम को अपनी फर्जी खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं। आरोपी कार्डधारक को लालच देते हैं कि वह उनके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ा देंगे जिसके लिए वह कार्ड धारक से उसका क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी, एक्सपायरी डेट तथा ओटीपी सांझा करने के लिए कहते हैं को जानकारी के अभाव में भोले भाले लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और इनके द्वारा मांगी गई सारी जानकारी इन्हें उपलब्ध करवा देते हैं जिसके पश्चात आरोपी क्रेडिट कार्ड की राशि को अपने फर्जी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं।
इसी प्रकार से ठगी की वारदात को अंजाम देते हुए आरोपियों ने फरीदाबाद के कौराली गांव के रहने वाले सुनील कुमार के साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था जिसमे उसके क्रेडिट कार्ड से 01.25 लाख रुपए की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था। दिनांक 21 जून को पीड़ित ने इसकी शिकायत साइबर पुलिस थाना एनआईटी में दी जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई। डीसीपी एनआईटी नीतीश कुमार अग्रवाल ने इस मामले में आरोपियों की धरपकड़ के लिए थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया जिसमें उप निरीक्षक राजेश, सहायक उप निरीक्षक नरेंद्र, नीरज, भूपेंद्र व सत्यवीर तथा सिपाही संदीप व अंशुल का नाम शामिल था जिन्होंने साइबर तकनीकी का प्रयोग करते हुए आरोपी कामिल को 28 जून 2022 को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को अदालत में पेश करके 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान कामिल की निशानदेही पर आरोपी रहबर तथा मोहम्मद अनीस को दिनांक 3 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयोग 3 मोबाइल फोन 4 सिम कार्ड तथा ₹64000 नकद बरामद किए गए हैं। पुलिस रिमांड के दौरान सामने आया कि आरोपी कामिल इस वारदात का मुख्य आरोपी कामिल है जो क्रेडिट कार्ड धारकों को फोन करता था। आरोपी रहबर तथा मोहम्मद अनीस एक दूसरे को पहले से जानते थे। आरोपी रहबर अपने भाई के पास दिल्ली आता था तब इसकी मुलाकात कामिल के साथ हुई। आरोपी कामिल ने उसे अपने साथ शामिल कर लिया और जिसके पश्चात आरोपी रहबर उसे बरेली से फर्जी बैंक खाते उपलब्ध करवाता था तथा आरोपी अनीश द्वारा भी इन्हें अपना बैंक खाता उपलब्ध करवाया गया था जिसकी एवज में आरोपी अनीश को बैंक खाते में आए पैसों का कमीशन मिलता था। आरोपियों को क्रेडिट कार्ड धारकों की जानकारी फरार चल रहे इनके चौथे साथी द्वारा उपलब्ध करवाई जाती थी। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात सभी आरोपियों को दिनांक 4 जुलाई को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है तथा फरार चल रहे इनके साथी की पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है जिसे जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
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