हरियाणा: फरीदाबाद, उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिला में सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में बच्चों की तस्करी, जबरन मजदूरी, यौन शोषण और बच्चों के शोषण के अन्य रूपों के खिलाफ कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) भारत में बच्चों की तस्करी, जबरन मजदूरी, यौन शोषण और बच्चों के शोषण के अन्य रूपों के खिलाफ एक अग्रणी जमीनी आंदोलन है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा वर्ष 1980 में स्थापित बीबीए बच्चों की सक्रिय भागीदारी और सरकार और नागरिक समाज के साथ सहयोगात्मक जुड़ाव के माध्यम से एक बाल मित्रवत समाज के निर्माण की कल्पना करता है।
डीसी जितेन्द्र यादव ने बताया कि जिला फरीदाबाद में बाल श्रम के खिलाफ गत 01से आगामी 30 जून 2022 तक एक कार्रवाई माह आयोजित किया जा रहा है।
सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में कार्रवाई माह में राज्य सरकार, विशेष रूप से राज्य श्रम विभाग, पुलिस विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की साझेदारी में आयोजित किया जा रहा है। बाल मजदूरों के बचाव के लिए इन सभी विभागों और गैर सरकारी संगठनों के साथ संयुक्त अभियान चलाने में राज्य सरकार का समर्थन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्रवाई माह के लिए अधिकतम संख्या में बाल श्रमिकों को बचाने के लिए विभागीय अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। डीसी जितेन्द्र यादव ने आगे बताया कि देश में बीबीए ने अब तक पुलिस, श्रम विभाग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सहयोग से लगभग 01लाख से अधिक बच्चों को बचाने और पुनर्वास में मदद की है। बाल श्रम की समस्या को मिटाने के लिए एक और कदम के रूप में बीबीए ने प्रस्तावित किया।
उन्होंने कहा कि कार्रवाई माह के लिए जिलों की पहचान करें। श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी एक बाल श्रम मुक्त भारत की दिशा में मानक संचालन प्रक्रिया को पूरी तरह से लागू करने के लिए, भारत सरकार विभिन्न जिलों के जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला कार्य बलों के माध्यम से बाल श्रम के सभी मामलों पर रिपोर्टिंग और डेटा प्रबंधन के लिए पेंसिल पोर्टल के उपयोग के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच जागरूकता पैदा करना है। बाल श्रम के विरुद्ध दिनांकित कार्रवाई माह की दिन-प्रतिदिन की समय-सीमा नियमानुसार सुनिश्चित की गई है।
आपको बता दें सर्वेक्षण और पहचान गत 4 मई से 25 जून 2022 की गई है। इसके लिए जिम्मेदार एजेंसी जिला मजिस्ट्रेट , जिला श्रम विभाग, पुलिस और गैर सरकारी संगठन द्वारा सर्वेक्षण किया गया है। ताकि उन स्थानों की पहचान की जा सके जहां बच्चों को रोजगार दिया जा रहा है। पहचान का फोकस औद्योगिक क्षेत्रों, ढाबों और छोटी दुकानों पर रहेगा। पहचान जिलाधीश को सौंपी गई है।
जिला बाल संरक्षण विभाग ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, चाइल्ड हेल्पलाइन और जिला उप श्रमायुक्त दिनेश कुमार की अगुवाई वाली टीम के साथ मिलकर 23 बच्चों को फ़रीदाबाद के विभिन्न स्थानों से बालश्रम कर रहे बच्चों को मुक्त करवाया है। इनमें 13 बच्चों से जवाहर कॉलोनी और पर्वतीय कॉलोनी में स्थित विभिन्न दुकानों पर काम कराया जा रहा था। सारन थाने की पुलिस ने आरोपी दुकानदारों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जबकि 10 बच्चों को सेक्टर-58 स्थित विभिन्न स्थानों और दुकानों पर काम करवाया जा रहा था। सेक्टर-58 थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उन्हें जवाहर कॉलोनी और पर्वतीय कॉलोनी और सेक्टर-58 की कई दुकानों पर बच्चों से बाल श्रम कराने की जानकारी मिली थी। इसके बाद एनसीपीसीआर को सूचना दी गई। फिर एनसीपीसीआर द्वारा बाल संरक्षण विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन और श्रम विभाग के अधिकारियों की एक टीम गठित की गई। इसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से दुकानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान अब तक दुकानों पर 23 बच्चे काम करते मिले। सभी को मुक्त कराकर उनके परिजनों को सौंपा गया। परिजनों को भी बच्चों से बालश्रम नहीं करवाने की हिदायत दी गई है। इससे पहले चाइल्ड हेल्पलाइन और बाल संरक्षण विभाग की टीम ने एनआईटी-एक मार्केट में छापेमारी कर आठ दुकानों से बच्चों को मुक्त करवाया था। गरिमा सिंह का आगे कहना है कि जिला में बाल श्रम के विरुद्ध यह अभियान लगातार जारी रहेगा। बाल श्रम करवाने वाले दुकानदारों व संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Post A Comment:
0 comments: