हरियाणा: पुलिस अधीक्षक हिसार लोकेंद्र सिंह, आईपीएस ने बच्चो को साइबर क्राइम के प्रति आगाह किया है। पुलिस अधीक्षक महोदय ने कहा है कि आज के समय में साइबर अपराध से बचाव हम सभी के लिए आवश्यक है। बच्चों को मोबाइल फोन, सोशल मीडिया,फेसबुक आदि से दूर रहने की सलाह देते हुए बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से आजकल बच्चों को निशान बनाया जाता है। नई तकनीक द्वारा हैकर आसानी से बच्चों को अपना शिकार बना लेते हैं, उन्हें ब्लैकमेल करते हैं उनका शोषण करते हैं।
इंटरनेट पर अधिक समय बिताने के दौरान बच्चे भी कई प्रकार के जोखिमों का सामना कर रहे हैं। पढ़ाई के लिए इंटरनेट पर अधिक समय बिताने के कारण बच्चे विशेष रूप से ऑनलाइन यौन शोषण, अश्लील संदेशों का आदान-प्रदान , पोर्नोग्राफी के संपर्क में आना, यौन शोषण सामग्री, साइबर-धमकी तथा ऑनलाइन उत्पीड़न जैसे कई अन्य गोपनीयता-संबंधी जोखिमों का सामना कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और सोशल मीडिया के जरिए होने वाले अपराध चिंताजनक है। इसलिए हमें बच्चों को साइबरक्राइम के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करना चाहिए और सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम के बारे में अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से बताएं।
पुलिस अधीक्षक महोदय ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को सोशल मीडिया और साइबर अपराध से बचाने के लिए बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। उन्हें अन्य घरेलू गतिविधियों में शामिल करें। ऑनलाइन खतरों के बारे में जागरूक करते हुए साइबर बुलिंग, साइबर ग्रूमिंग, स्टाकिंग आदि के बारे में जागरूक करे। बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें। बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों के लिए स्पष्ट समय व दिशानिर्देश निर्धारित करें। उन्हें जिम्मेदारी से सोशल मीडिया का उपयोग करना सिखाए जैसे- मजबूत प्राइवेसी सेटिंग्स का चयन करना, अजनबियों से फ्रेंडशिप नहीं करना, आदि।
इसके साथ ही बच्चे भी बनें साइबर अपराध के बारे में जागरूक बने। बच्चे अपनी सोशल मीडिया साइटों, मोबाइल डिवाइस आदि पर लोकेशन सर्विसेस को ऑफ करके रखे। अपने व्यक्तिगत विवरण जैसे फोन नंबर, ई-मेल पता, अजनबियों के साथ तस्वीरें शेयर करने से बचें। वेब कैमरा (लैपटॉप में डिफ़ॉल्ट) एक बार हैक हो जाने के बाद, नियमित गतिविधियों को देखने और रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
यदि आपको ऑनलाइन प्रोफ़ाइल मे कुछ परेशान करने वाला कंटैंट मिला हैं, तो संबंधित सोशल मीडिया साइट पर तुरंत रिपोर्ट करें। जब भी साइबरस्टॉकिंग का पता चले, शिक्षकों, मित्रों और रिश्तेदारों से परामर्श करना पहला कदम होना चाहिए।किसी भी ऑनलाइन अनैतिक गतिविधि या कंटैंट के बारे में नजदीकी पुलिस स्टेशन और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
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