नई दिल्ली- 2014 में शुरू हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता 2019 तक बढ़ती रही और इन दोनों लोकसभा चुनावों में पार्षद ना बन पाने वाले तमाम नेता मोदी-मोदी का जाप कर सांसद बन गए। 2019 के बाद भी कुछ समय के लिए पीएम की लोकप्रियता में उछाल आता गया क्यू कि 2019 में ही राम मंदिर और धारा 370 में भी भाजपा को बड़ी सफलता मिली और पीएम का कद और बढ़ गया लेकिन उसके अगले साल कृषि कानून आ गए और फिर जो हुआ पूरे देश ने देखा लाखों किसान सड़क पर आ गए और दिल्ली की सीमायें जाम कर दी गईं और एक साल से ज्यादा किसान आंदोलन चला और फिर पीएम मोदी ने माफी माँगी और कृषि क़ानून वापस ले लिए गए।
इसी दौरान एक महामारी ने भी देश में उत्पात मचाया। लाखों लोगों की जान चली गई। उस समय तमाम भाजपा नेता बिलों में दुबक गए। जनता खुद पर निर्भर रही और देश के कुछ समाजसेवियों ने जनता को राशन पानी और अन्य चीजें पहुंचाईं और इसी दौरान देश में मंहगाई ने भी उत्पात मचाया और 80 रूपये किलो का सरसों का तेल 200 रूपये प्रति किलो तक पहुँच गया और रिफाइंड का हाल भी ऐसा ही था। सरसों का तेल और रिफाइंड हर घर में प्रयोग होता है इसलिए जनता बेहाल होती चली गई और इसी दौरान रिफाइंड एवं सरसों के तेल सहित कुछ अन्य चीजें बेंचने वाले एक उद्योगपति की आमदनी राकेट की रफ़्तार से बढ़ गई जबकि देश में गरीबों की संख्या में राकेट की रफ़्तार से इजाफा हुआ। आम आदमी भी गरीबों की कतार में देखा गया। इन दो वर्षों में जो हुआ उसके कारण पीएम मोदी की छबि में कुछ कमी आई और अब बिना सोंचे समझे देश के युवाओं पर अग्निपथ नाम की एक योजना थोप दी गई। देश में हिंसा शुरू हो गई तो फटाफट योजना में कई बदलाव किये गए।
पहले किसान नाराज थे अब जवान नाराज हो गए। यही कारण है कि फिलहाल देश में एक ही भाजपा सांसद के ट्वीट्स पर ज्यादा सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं। 2019 में भाजपा के अपने 301 सांसद चुनाव जीते थे लेकिन फ़िलहाल 300 सांसदों की कोई पोस्ट देखेंगे तो पाएंगे कि जनता इन सबसे नाराज है। इन सांसदों में पीएम, गृह और रक्षा मंत्री भी शामिल हैं। एक सांसद जिनकी पोस्ट्स पर 70 फीसदी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं उनका नाम वरुण गांधी है। आप उनके ट्विटर पेज पर उनकी पोस्ट के नीचे के कमेंट्स पढ़ सकते हैं। वरुण गांधी के बारे में कहा जा रहा है कि फिलहाल उन्होंने सच का रास्ता पकड़ा है। भाजपा उन्हें पार्टी से निकाल भी सकती है लेकिन वो इस बात से नहीं डर रहे हैं। रोजाना अपनी सरकार को आइना दिखा रहे हैं। उनमे फिलहाल जितनी हिम्मत है किसी अन्य सांसद में नहीं दिख रही है।
कभी मुकदमे तो कभी NOC न देने की धमकी देकर हम ही संवाद के रास्ते बंद कर रहे है। कोई नयी योजना लागू करने से पहले रिक्त पड़े लाखों पदों को भरने का ब्लूप्रिंट छात्रों से साझा करे सरकार। यही वक्त की सबसे बड़ी माँग है। https://t.co/4x0Iov5WvU
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 21, 2022
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