नई दिल्ली- आज के बाद अगली दो रातें उन लोगों के लिए कमायत की रातें होंगी जो राज्य सभा चुनाव लड़ रहे हैं। खासकर उन जगहों पर जहाँ के नेता निर्विरोध राज्य सभा सांसद नहीं चुने गए। कोई तीसरा भी मैदान में उतर गया। हरियाणा और राजस्थान पर सबकी निगाहें हैं। हरियाणा में पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के पुत्र कार्तिकेय शर्मा के मैदान में उतरने से समीकरण काफी बदल गया और कांग्रेस अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ ले गई और रायपुर के होटल में आज पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद हैं।
होटल में कुल 29 विधायक मौजूद हैं। कुलदीप बिश्नोई और किरण चौधरी वहाँ नहीं हैं। कुलदीप थोड़ा इधर उधर चल रहे हैं जबकि तोशाम विधायक किरण चौधरी ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे रायपुर नहीं जाएंगी। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि उनकी विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठा सकते। कहा जा रहा है कि कुलदीप इधर-उधर भी हुए और किरण चौधरी ने साथ दिया तो अजय माकन आराम से जीत जाएंगे।
इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पर भी सबकी निगाह बनी है। अभय चौटाला जजपा-भाजपा सरकार से खुद का 36 का आंकड़ा बताते हैं और हाल में उन्होंने उप मुख्य्मंत्री एवं जजपा नेता दुष्यंत चौटाला पर बड़ा आरोप भी लगाया था। अब अभय चौटाला जेजेपी-बीजेपी के उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा का साथ देते हैं या कांग्रेस के ये तो समय बताएगा।
विधायक बलराज कुंडू की तरफ भी सबकी निगाहें हैं। हाल में उन्होंने ये कहा था कि किसे वोट देना है ये उन्होंने अभी तक तय नहीं किया है लेकिन उन्होंने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश जनता है कि गठबंधन के सहयोगियों ने लूट मचा रखी है। लोगों की खून पसीने की कमाई का पैसा खाने वाली गठबंधन सरकार का पाप का घड़ा भर चुका है। उनके तेवर देख लगता है कि वो कांग्रेस उम्मीदवार का साथ दे सकते हैं।
अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन लगभग जीत चुके हैं। फ्री हैण्ड के बाद भूपेंद्र हुड्डा भी और ताकतवर बनकर उभरेंगे। ऐसा न हुआ तो उसका एक ही कारण होगा जिसकी चर्चाएं पूरे प्रदेश में हैं। चर्चाओं में कहा जा रहा है कि अटैचियाँ भरी जा रहीं हैं, हिमाचल उत्तराखंड में और दिल्ली से सटे कुछ फ़ार्म हॉउस की तस्वीरें खींची जा रहीं हैं। किसी को बड़ी अटैची का लोभ दिया जाएगा तो किसी को कहीं फ़ार्म हॉउस देने का। बदले वोट?
लगभग दो दशकों से देखा जा रहा है कि जब-जब राज्य सभा चुनाव हुए हैं तब-तब कुछ धनकुबेर मैदान में उतर जाते हैं और अफवाहें भी उड़ती हैं कि फला नेता इतना खर्च कर राज्य सभा सांसद बना और फला विधायक को इतने करोड़ मिले। ये अफवाह कितनी सच है कोई पता नहीं लेकिन एक बात सच है कि तमाम ऐसे धन कुबेर राज्य सभा पहुंचे हैं जिन्हे कोई जानता तक नहीं था। फिल्म स्टार या खेल से जुड़े लोगों की बात हो अलग है। वो तो अपने नाम की वजह से राज्य सभा पहुँचते हैं लेकिन ये धनकुबेर कैसे राज्य सभा पहुँचते हैं ये समझदार लोग समझ जाते हैं और कुछ विधयकों के पास अचानक शिमला, कुल्लू, मनाली या दिल्ली से सटे क्षेत्रों में बड़े फ़ार्म हाउस कैसे आ जाते हैं ये भी समझदार लोग ही समझते हैं क्यू कि हरियाणा के विधायकों को दो से ढाई लाख रूपये ही हर माह मिलते हैं।
कुछ विधायक निजी स्टाफ रखते हैं, आफिस का किराया, अपना आफिस है तो दिन भर आफिस पहुँचने वाली जनता के लिए चाय पानी, जिन विधायकों की शादी हुई है उनके बच्चे भी होंगे और बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा और परिवार के अन्य खर्चे, ऐसे में शायद ही 50 हजार रूपये हर माह बचते होंगे। अगर 50 हजार बच रहे हैं तो साल में 6 लाख बचे और पांच साल में 30 लाख और फिर ऐसे विधायकों के पास शिमला, नैनीताल, कुल्लू, मनाली या दिल्ली से सटे क्षेत्रों में 5 से 50 करोड़ रूपये का फ़ार्म हाउस कैसे आ गया। अगर विधायक सत्ता में हैं तो एक नहीं 2 से 10 फार्म हॉउस भी 5 साल में बन जाते हैं। क्या मंगल ग्रह इन पर मेहरबान है? ऊपर से कोई खजाना इन पर बरस रहा है? ऐसा संभव नहीं। कैसे ये बड़े बन रहे हैं, समझदार लोग समझ सकते हैं।
सब कुछ ठीक रहा तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा अजय माकन को एक बड़ी जीत दिला कांग्रेस हाईकमान के दिल में मजबूत जगह बना लेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो बड़ी अटैची सब पर भारी?
Post A Comment:
0 comments: