फरीदाबाद ,20.05.2022: फरीदाबाद में प्रशासनिक लापरवाही के चलते आईपी कालोनी के सामने खुले नाले में गिरकर एक और अज्ञात व्यक्ति की मौत हो गयी। स्थानीय निवासियों ने सुबह यहाँ एक व्यक्ति के शव को देखा तो सेक्टर 31 थाने को इत्तला की। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर शव को पोस्टमार्टम के लिए बी के अस्पताल भिजवा दिया है। मौके पर पहुंचकर नागरिक संगठन सेव फरीदाबाद के अध्यक्ष पारस भारद्वाज ने इस दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और फरीदाबाद नगर निगम तथा प्रशासन को शहर में इस प्रकार हो रही मौतों का सीधा कसूरवार ठहराया। स्थानीय निवासियों व आईपी कालोनी की आरडब्लूए के पदाधिकारियों ने बताया कि इस खुले नाले के बारे में वो कई बार स्थानीय पार्षद अजय बैंसला और नगर निगम को चेता चुके हैं परन्तु किसी के कान पर जूँ तक नहीं रेंगती। आये दिन इस खुले नाले में गिरकर गाय, सांड , कुत्ते इत्यादि जानवर मरते रहते हैं और कल एक अज्ञात व्यक्ति भी गिरकर मर गया।
यह नाला दरअसल बारिश के पानी की निकासी के लिए बनाया गया था। साथ में बनी केमिकल व डाई की फैक्ट्रियां रात दिन अपना केमिकल युक्त रसायन इस नाले में अवैध तरीके से छोड़ती हैं। स्थानीय पार्षद और अधिकारियों की मिलीभगत से यह काम हो रहा है। यह नाला मिटटी , रसायन और पोलोथीन से पूरा अवरुद्ध हो चूका है और नीचे दलदल का रूप ले चुका है। ऐसी स्थिति में कोई भी जीव यदि इस नाले में गिर जाए तो उसकी दलदल में फंसने और ज़हरीले रसायनयुक्त पानी के शरीर के अंदर जाने से मौत हो जाती है।आई पी कालोनी की आरडब्लूए के सचिव विकास मेहता ने बताया कि इन केमिकल फैक्ट्रियों द्वारा सुरक्षा नियमों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं और इनसे निकलने वाले धूल के कण और विषैला जल उनके घरों तक पहुँचता है जिससे यहाँ के लोग नारकीय जीवन जीने को मज़बूर है।नाले को केमिकल फैक्ट्रियों द्वारा इस्तेमाल किये बारिश का पानी सड़कों पर जमा होता है जिससे जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है।
सेव फरीदाबाद सस्था मृतक की पहचान होने पर सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत देगी। इससे पहले भी शिव दुर्गा विहार निवासी हरीश वर्मा उर्फ़ हन्नी की सेक्टर 56 के एक खुले सीवर में गिरकर मौत हो गयी थी जिसकी एफआईआर इस संस्था ने पीड़ित परिजनों के साथ मिलकर सेक्टर 58 थाने में करवाई थी। पारस भारद्वाज ने इसमें प्रशासन के साथ साथ फैक्ट्री मालिक को दोषी बताते हुए उनपर भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही करवाने की मांग की। स्थानीय निवासी व आरटीआई एक्टिविस्ट केतन सूरी ने इस मामले को बहुत गंभीर बताते हुए कहा कि प्रशासन की नज़रों में यहाँ रहने वाले लोगों की जान की कीमत कुछ भी नहीं है। केतन ने इस बाबत मुख्यमंत्री को ट्वीट करके कई बार जानकारी दी हुई है परन्तु उनको लगता है सुनवाई करने के लिए फरीदाबाद के नेता व प्रशासन किसी की मौत का इंतज़ार करते हैं। इस नाले को ढकने के लिए करोड़ों रुपये आबंटित हो चुके हैं परन्तु अभी तक एक फूटी कौड़ी भी इस पर खर्च नहीं हुई है। पारस भारद्वाज ने निगम के 10 हज़ार करोड़ रुपये , 200 करोड़ के भ्रष्टाचार और स्मार्ट सिटी के नाम पर अरबों रुपये डकार जाने वाले सत्ता पक्ष के नेता और अधिकारियों को इस हादसे और शहर की दुर्दशा का ज़िम्मेदार ठहराया।
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